Book Title: Tali Ek Hath Se Bajti Rahi
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 25
________________ omcyYOURQonmaare 22 जब राजकुमार पार्श्वनाथ ३० वर्ष के हुए, एक दिन अयोध्या के राजा जयसेन का दत पाश्र्वनाथ को भेन्ट देने के लिए आया.. आपकी जयहो।अयोध्या केराजा जयसेन ने आपके चरणो में यह भेटभिजवाई है, कृपया स्वीकार कीजियेगा। EUROHS TNI यह अयोध्या कौनसी नगरी है बलाइये तो सही! MAN महाराज,यह अयोध्या वह नगरी है जहां पर देवाधिदेष प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेवने जन्म लिया था हैं। भगवान ऋषभदेव की जन्म भूमि। भगवान ऋषभदेव ने तो कर्मों का नाश करके मोक्षको प्राप्त कर लिया था....... और मैं अभी भी संसार में फंसा हुआ हूं ! मुझे भी धर बार छोड़ कर अपना कल्याण कर लेना चाहिए। देर नहीं करनी चाहिए। अच्छा चढं अब मुनि बनने... SOCTecO0E0५ OGUE LOOOG00000009 oophapor SAWA PORamcomopal राजकुमार पार्श्वनाथ... वैराग्य की भावना का चिन्तन कर कल्याण मार्ग पर अग्रसर हो गये...

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