Book Title: Tali Ek Hath Se Bajti Rahi
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 30
________________ नाग नागिनी के जीव जो धरणेन्द्र पद्मावती बन गये थे, अचानक उनका आसन हिलने लगा....... हैं! यह क्या ? आसन क्यों डोल रहा है? आज हमारे उन परोपकारी पर उप सर्ग हो रहा है, जिन्होंने हमारे प्राण बचाये। थे और हमें णमोकार मंत्र सुनाया था। जिसके प्रताप से हम यहां उत्पन्न हुए हैं । चलें हमें उनका उपसर्ग फौरन दूर करना चाहिए 10000 और दोनों आगये अहिक्षेत्र में ! धरणेन्द्र ने फन फैला कर मुनिपार्श्वनाथ को अपने ऊपर बैठा लिया और पद्मावती ने उनके ऊपर अपने फन से छत्र लगा लिया बीच में मुनि पार्श्वनाथ ध्यानस्थ बैठे है । 28 100

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