Book Title: Swarna Sangraha
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Pannalal Jamnalal Ramlal

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Page 6
________________ ॐ श्री शान्तिनाथाय नमः चोवीस तीर्थकरों के माता-पिताओं का नाम तर्ज : जेठ कूटे चूरमो देवरजी रांदे दाल । नाभिराज पिता ने, मोरा देवी जी माय, वनिता नगरी का वन्दं ऋषम जिनराज ॥१॥ जितशत्रु राजा पिता ने, विजया देवीजी माय, अयोध्या नगरी का वन्दं अजित जिनराज ॥२॥ जितारथ राजा पिता ने, सेना देवीजी माय, सावत्यी नगरी का वन्दं संभव जिनराज ॥३॥ संवर राजा पिता ने, सिद्धार्था देवीजी माय, वनिता नगरी का वन्दं, अभिनन्दन जिनराज ॥४॥ मेघरथ राजा पिता ने, मंगलादेवीजी मांय, कोशलपुर नगरी का वन्दं सुमति जिनराज ॥५॥ श्रीधर राजा पिता ने, सुषमा देवीजी माय, कोशम्बी नगरी का वन्दं पद्मप्रभु जिनराज ॥६॥ प्रथिष्ठ राजा पिता ने, पृथ्वी देवीजी माय, बणारसी नगरी का वन्दं सुपार्श्व जिनराज ॥७॥ मासेन राजा पिता ने, लक्ष्मा देवी जी माय, चन्द्रापुरी नगरी का वन्दं चन्द्रप्रभु जिनराज ॥८॥ सुग्रीव राजा पिता ने, रामादेवीजी माय, काकंदी नगरी

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