Book Title: Swarna Sangraha
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Pannalal Jamnalal Ramlal

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Page 11
________________ हथगी सिनगारो के देव विराजिया । महावीर करे रे नमस्कार, त्रिशलादेवीजी मा. ॥५॥ हथणी सिनगारो के देव विराजिया। गौतमस्वामीजी करे रे नमस्कार, पृथ्वीदेवीजी मा. ॥६॥ हथणी सिनगारो के देव विराजिया। छोटा-मोटा करे रे नमस्कार, आप-आपरी मा. ॥७॥ ॥ झालर । (तर्ज-झालर को झणको में सुन्योजी) झालर को झणको में सुन्योजी कांई, नगरी वनिता री पोल। वनिता में आदिनाथ जनमियोजी कांई, माता मरुदेवीजी रा नंद ॥१॥ झालर को झनको में सुन्योजी काई, नगरी हस्तिनापुर री पोल । हस्निनापुर में शान्तिनाथ जनमियोजी कांई, माता अचलादेवीजी रा नंद ॥२॥ झालर को झनको में सुन्योजी कांई, नगरी सोरियापुर री पोल । सोरियापुर में नेमीनाथ जनमियोजी कांई, माता शिवादेवीजी रा नंद ॥३॥ झालर को झनको में सुन्योजी कांई, नगरी बणारसी री पोल । बणारसी में पारनाथ जनमियोजी कांई, माता वामादेवीजी रा नन्द ॥४॥ झालर रो झणको में सुन्योजी कांई, नगरी कुण्डलपुर री पोल। कुण्डलपुर

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