Book Title: Studies in Desya Prakrit
Author(s): H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 292
________________ 253 शिलापट्टकः ५१-२२ सलाट गंडक ३१२-१ सूडलो शुण्डलक १३९-१६ सूली शृगालः श्रेष्ठी ४४-१७सगाळया शेष शेर ३०- शेर शोधि १३८ -१५ शुद्धि प्रा सोही) भाद ५-६ श्रद्धालु, जैन श्रावक भादी ३१४-१५ श्राविका श्रीकरी २३.-१३ एक जातनी पाहसी षष्टितन्दुल ११-१५ साठा चोखा षुषद्रम २५।६-२४ गळीरंग्या शियाळनु घरेलु प्रभावक नाम सकालम् ३२ २३ देलं सकाले ४-२२ संकुल २१७-१२ सांकलु सज्जीक -२ . . १२, ३५०-८ माजुकरबु. संडक २.-२९ अंगुठो अने पहेली आंगली सत्क १०८-११ •नु (प्रा. सतिय) सन्दूरिक सर्प ३५० १९-२० सीरियो साप सन्धिः (मी.) ३५.-१ संधि समलिका ८०-२५, ८१, १५. १६-१७ बाजनी मादा, श्वेनिका (सर०-गुन. समळी) समा (स्त्री.) ४-२२ सम, सोगन समेति १०३-३ आवडे छे सम्भाल् १७-२४, २७३-२३ संभाळQ समुखं २-१३, ६-१८ सामुं सरट ६८, १५-२२-२५-२८ सरडा साहा. काकीही सर्वावसर ५५-४ दिवाने भाम सहेलक ३४५, १०-११.१२ शेळो साकेतनपुर ४७-१ गतपुर सातूआ १८५-१६ साथवा बाधु ४-९ शाहकार मारा ६९-२६, ९२-२२, १०८, २०-२२, १..-८ सार, सारस भाळ, मदद सिंदर १९५, ९-१. सौंदर सिन्हारिकः सर्प४५-२१ सौदूरियो साप सिमिसिमायमान २७१ ४ समसमतुं (अप० सिमिसिम्) सीमाल भूप २५७-११ सीमाडियो राजा, सीमापाल राना सुकुमारिका १०४-८ मुंवाळी सुम्वासन ५४-४ पालखी सुरङ्गा ५३-१६ सुरग सुरत्राण २, ११-१५, ३, १-३ सुलतान (अग्बी सूघरी १५९-१३ सूधरी सूचिक १९२-३ सइ, दरवी सेनवाल १८२-२१, २३६-१२ - एक प्रकारनी पालखी सेतिनका ८५-११ सेतिका, एक माप सेर ८७-२३ शेर सेरिका ६५-११ शेरी सेल्लहस्त ९६-१९ दंडनायक सेस्यहस्त ९६-२१ ५० __ (स० शल्यहस्त, प्रा०-सेल्महत्थ, गुजः-शेलत) सोनी १९१-६ सानी (संसोवर्णिक, प्रा. सावविध) स्कन्धिक ९६-२७ लांषियो स्त्यानघृत २५५-८ बीबी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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