Book Title: Studies in Desya Prakrit
Author(s): H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 311
________________ 277 वडप्प 53 वडाली 33' । वडिसर 33 बत्तद्धो 16, 33 वप्पीओ 34 वापीहा 34 . वम्हल 33 . वयडो 36 वयली 26 : वलच्छी 188 वलमय 35 " वलही 33, 40 वलिम 94 वलिवड 94 वल्लवाय 33 वल्लरी 50 वल्लरे कलरे 190 वसल 17 वमुआइद 129 वहुआरिआ 105 वकच्छा 30 वंगच्छा 30 बगेवडु 31 वो 34 वठा 14 वाउत्तो 25 वातरा 113 वाणरमाल 93 वामणिओ 79 वायउत्तो 25 बायण 47 वालवासा 10 वालुकी 184 वावणी 113 वासदी 31 वाहगणो 48, 19 विख 182 विच्छेओ 123 विड्डय 191 विडडर 91 विडिर 91 विद्णा 38, 40 विप्पय 14 विष्फाडि 32 विब्भवण 36 विमलहरो 48 विरआ 11 विरल्ल 89 विरह 121 विरचिरा 11 विरिल्ल 89 विरेलिअ 89 विलइअ 36 विलमा 36 विलिव्विल 11 विलिव्विली 79 विल्ल 54... विल्ह 54 विविल्लिओ 204 विसल 136 विसिणो 17 विसी 35 विहडा.फड 94 विहण 79 .... विहलघल 94 विहुंडुओ 31, 43 वीलण 34 चीसालइ 36 वुक्त्रण 21 वेअडिअ 27 वेआरिअॅ 89.. वेआले 89.. . वेज्झ 94 ...... वेडइओ 34 वेडिओ 27 वेडिकिल्ल 79 वेणिों 26 वेत्तालए 89 वेदूणा 38, 46 . वेप्पुअं 54.. वेयार 89 . . वेरुलिअं 39, 52 वेलणय 38, 140 वेलबे 37 वेलुलिअ 39, 52 वेलूणा 38, 46. वेलूरि# 39, 52 वेल्लहलो 89 वेहविओ 89 वेहाविओ 89 वहा विद्ध 89 वेढसुरा 34 वोकिल्ले 35.36,41 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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