________________
श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्न माला का ६६ वा रत्न
श्री स्थानांग सूत्र
भाग - १ (स्थान १-४) (शुद्ध मूल पाठ, कठिन शब्दार्थ, भावार्थ एवं विवेचन सहित)
-अनुवादकपं. श्री घेवरचन्दजी बांठिया “वीरपुत्र" न्याय व्याकरणतीर्थ, जैन सिद्धांत शास्त्री (स्वर्गीय पंडित श्री वीरपुत्र जी महाराज) |
-सम्पादक नेमीचन्द बांठिया पारसमल चण्डालिया
-प्रकाशकश्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर
शाखा-नेहरू गेद बाहर, ब्यावर-305901 .... (01462) 251216, 257699 Fax No. 250328
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org