Book Title: Sthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Author(s): Sagarmal Jain, Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ व्यक्त-अव्यक्त सहयोग हमें अवश्य मिला है। हम विशेष रूप से पार्श्वनाथ विद्यापीठ ग्रन्थागार के श्री ओमप्रकाश सिंह एवं प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर के राजगंगा ग्रन्थागार के डॉ० राजेन्द्र कुमार जैन के सहयोग के लिए आभारी हैं। प्रस्तुत कृति की सुन्दर अक्षर-सज्जा के लिए राजेश कम्प्यूटर्स, जयप्रकाश नगर, वाराणसी एवं सत्वर मुद्रण के लिए वर्द्धमान मुद्रणालय भेलूपुर, वाराणसी के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं। शाजापुर ०५.०७.०३ Jain Education International For Private & Personal Use Only सागरमल जैन सचिव पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 616