Book Title: Sramana 2014 01
Author(s): Ashokkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 50
________________ दलितोद्धारक आचार्य तुलसी एक अन्तरावलोकन : 43 आचार्य तुलसी दलितवर्ग को दया का पात्र नहीं मानते थे, वे उन्हें शक्तिसम्पन्न बनाना चाहते थे। आचार्य तुलसी का दृढ़ विश्वास था कि जब व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक दृष्टि और भाईचारे का भाव उत्पन्न होगा तो स्वतः यह अंध परम्परा समाप्त हो जाएगी। तुलसी शताब्दी के अवसर पर अणुव्रत आन्दोलन के माध्यम से समाज में समानता और समता का वातावरण बनाया जा सकेगा। अस्पृश्यता-उन्मूलन के लिए आचार्य तुलसी द्वारा किए गए प्रयासों से हम प्रेरणा पाकर उसके प्रकाश में एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना कर सकते हैं। पुस्तक इस समाज एवं राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक दलित उद्धार के लिए किये गये कार्यों एवं आचार्य के सुझावों को सुन्दर रूप से प्रस्तुत करती है। *****

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