Book Title: Sramana 2010 01
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 249
________________ गुजराती अनुवाद : ए प्रमाणे सासरामा रहेता में प्रत्यक्षपणे सर्व जाणेलुं छे। वली हे आर्ये! लोक प्रवादथी तें पण वार्ता सांभळी हशे । हिन्दी अनुवाद : इस प्रकार ससुराल में रहती हुई मैंने प्रत्यक्ष ही सब कुछ जान लिया है। और हे आर्ये! लोकप्रवाद से आपने भी ये बातें सुनी होंगी। गाहा : - एसो गह गहिय- नरो दीसइ सरिसो उ राय- उत्तस्स । ता एसो कणगरहो एसावि सुलोयणा नूणं । । १९५ ।। संस्कृत छाया : एष ग्रह - गृहीत - नरो दृष्यते सदृशस्तु राजपुत्रस्य । तस्मादेष कनकरथ, एषाऽपि सुलोचना नूनम् । । १९५ । । गुजराती अनुवाद : अने आ पागल जेवो माणस राजपुत्र जेवो ज देखाय छे, तेथी जरूर आ कनकरथ राजा अने आ सुलोचना ज छे' । हिन्दी अनुवाद : और यह पागल जैसा आदमी राजपुत्र ही लगता है, अतः अवश्य ही यह कनकरथ राजा और यह सुलोचना ही है। (ओळखाया) गाहा : भणियमणंगवईए संभासेमो इमं तु निय-भगिणिं । किं अम्हे परियाणइ अहवाविअ भंभला एसा ? ।। ९९६ ।। संस्कृत छाया : भणितमनङ्गवत्या सम्भाषयावः इमां तु निजभगिनीम् । किमावां परिजानाति अथवाऽपि च १ भंभला एषा । । १९६ ।। गुजराती अनुवाद : अनंगवती बोली, 'चालो आपणे आपणी आ बहेनने बोलावीर, आपणने १. भंभला - मूर्ख 590

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