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जैन जगत् : २१९
सागरमलजी के यहां रुककर अपनी पी-एच०डी० आदि का कार्य पूर्ण किए हैं। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से प्राच्य विद्यापीठ एवं शाजापुर जैन समाज को हार्दिक बधाई ।
श्री गोमटेश्वर विद्यापीठ प्रशस्ति-प्रदान समारोह
श्री गोमटेश्वर विद्यापीठ प्रशस्ति प्रदान समारोह प० पू० जगद्गुरु कर्मयोगी स्वामी चारुकीर्ति भट्टारकजी के पावन सान्निध्य में प्रारम्भ हुआ । 'गोमटेश विद्यापीठ प्रशस्ति' १९८० में स्थापित हुई और अब तक देश के विभिन्न क्षेत्रों के ९० विद्वानों को इस प्रशस्ति से सम्मानित किया जा चुका है। १९९८ में स्थापित गोमटेश विद्यापीठ सांस्कृतिक पुरस्कार से अब तक १२ मनीषियों को सम्मानित किया जा चुका है। इसी प्रकार श्री ए०आर० नागराज के पुत्र श्री मंजूनाथ ( बैंगलोर) के सहयोग से सन् २००३ में ए०आर० नागराज रत्नाकरर्णी साहित्य पुरस्कार की स्थापना हुई। इस साहित्य पुरस्कार से अब तक ६ विद्वानों को सम्मानित किया गया है।
'श्री गोमटेश्वर विद्यापीठ प्रशस्ति, २००८' जिन आठ विद्वानों को प्रदान की गई उनके नाम हैं - १. डॉ० ए० सुन्दर, मैसूर (कर्नाटक इतिहास), २. प्रो० नागराज पूवणी, उजरे (कन्नड़ साहित्य), ३. डॉ० बाला साहेब लोकापुर, बागलगकोट ( कर्नाटक, साहित्य-संस्कृति) ४. डॉ० किरण क्रान्त चौधरी, तिरुपति (आंध्र में जैन संस्कृति और पुरातत्त्व), ५. प्रोफेसर प्रेम सुमन जैन, उदयपुर ( प्राकृत भाषा एवं साहित्य), ६. डॉ० सत्यप्रकाश जैन शास्त्री, दिल्ली (पत्रकारिता एवं समाज सेवा), ७. डॉ० नलिन के० शास्त्री, बोधगया ( जैनधर्म एवं विज्ञान), ८. डॉ० रमेशचन्द जैन, बिजनौर (जैन संस्कृत साहित्य) ।
श्रीमान् जी०टी० जिनकल्लप्पा, हासन को श्री गोमटेश्वर विद्यापीठ सांस्कृतिक प्रशस्ति से सम्मानित किया गया एवं श्रीमती नवरत्न इन्दुकुमार, चिकमंगलूर को श्री ए०आर० नागराज प्रशस्ति प्रदान की गई। प्रशस्ति-प्राप्त विद्यानों ने भी संक्षेप में अपने उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह प्रशस्ति समारोह उत्तर और दक्षिण की सरस्वती को जोड़ने वाला एक सेतु है । इस प्रशस्ति को पाकर प्रत्येक विद्वान् गौरव का अनुभव करता है क्योंकि उसे केवल सम्मान ही नहीं मिलता, अपितु भगवान् बाहुबली की दर्शन यात्रा और परम पूज्य स्वामीजी का मंगल आशीष भी मिलता है।
समारोह के अंत में श्रीक्षेत्र द्वारा प्रमुख अतिथि श्रीमान् अजित कब्विन और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कब्विन का भी सम्मान किया गया। समिति के सचिव श्री एस०एन० अशोक कुमार ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन किया।
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