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श्रमण, वर्ष ५९, अंक २
अप्रैल-जून २००८
जैन जगत्
शिवाचार्य के चातुर्मासार्थ मालेरकोटला पहुँचने पर भव्य स्वागत
मालेरकोटला (पंजाब)। श्री स्थानकवासी जैन श्रमण संघ के आचार्य सम्राट आत्मारामजी म.सा० के चतुर्थ पट्टधर अध्यात्म योगी आचार्य सम्राट डॉ० शिवमनिजी म०सा० का चातुर्मासार्थ यहां पधारने पर भव्यातिभव्य एवं ऐतिहासिक स्वागत किया गया। विश्वमंगल मैत्री-यात्रा में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं बड़े जोशो-खरोश से सम्मलित होकर गगनभेदी जयघोष कर रहे थे। सड़क के दोनों ओर खड़े सैकड़ों भाई-बहन अपने आराध्यदेव की भावभरी अगवानी कर रहे थे।
परम पूज्य आचार्यदेव के संग उनके आज्ञानुवर्ती प० पू० श्री श्रीश मुनि आदि मुनिगण और साध्वी महाराज भी थे। यह विशाल मानवमंगल मैत्री-यात्रा स्थानीय जैन बाग से शुरू हुई और बर्तन बाजार, कूलर चौक होते हुए मोती बाजार स्थित जैन स्थानक पहुंची। वहां से रवाना होकर सदर बाजार, छोटा चौक, चौधरिया मोहल्ला, भावड़ा मोहल्ला होते हुए लाल बाजार स्थित एस०एस० जैन मॉडल सीनियर हायर सैकेण्डरी स्कूल पहुंची, जहाँ भव्य अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया था।
स्वागत समारोह में स्थानकवासी समाज के वरिष्ठ नेता सर्वश्री दीपक जैन, कांतिलाल जैन, विश्व जैन, कुलभूषण कुमार जैन, नेमीचंद चोपड़ा, पारसमल छाजेड़, केसरीमल बुरड़, शेरसिंह जैन और समाजरत्न श्री हीरालाल जैन उपस्थित थे। इन सभी महानुभावों का स्थानीय श्रीसंघ की ओर से श्री रतनलालजी जैन ने स्वागत किया।
सर्वप्रथम पूज्य गुरुदेवश्रीजी के प्रिय शिष्य शुभम् मुनिजी ने मंत्र स्मरण किया। स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समाजरत्न हीरालालजी जैन ने पूज्य श्री के जीवन पर प्रकाश डाला। श्री नेमीचन्दजी चोपड़ा (पाली) ने अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि समय-समय पर आपका जो भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा, हम उसे लागू करने की पूर्ण कोशिश करेंगे।
प०पूज्य आचार्य श्रीमद् राजयशसूरीश्वरजी म.सा० का
__हैदराबाद में भव्य चातुर्मास प्रवेश ७ जुलाई २००८, हैदराबाद। श्री लब्धिविक्रम गुरुकृपा प्राप्त, प्रखर प्रवचनकार, श्री कुलपाकजी महातीर्थ सहित अनेक दिव्य तीर्थस्थापक परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय
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