Book Title: Sramana 2000 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 184
________________ १७९ . २६ से ३१ दिसम्बर तक व्यक्ति विकास केन्द्र, बैंगलोर व पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में यहाँ एक योगशिविर का आयोजन किया गया। डॉ० सी०डी० चटर्जी ने इसका संचालन किया। २७ दिसम्बर को Prof. Curt Fischer संस्थान में पधारे। यहाँ उन्होंने संस्थान की गतिविधियों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। २७ दिसम्बर की शाम को संस्थान में पूज्य विमलमुनि जी ससंघ पधारे। २८ दिसम्बर को उन सभी का यहाँ स्वागत भाषण आयोजित किया गया। मुनि जी के साथ साध्वी रमा भारती, साध्वी आशा भारती एवं साध्वी भारती ये ३ साध्वियां भी थीं। चित्रकला प्रतियोगिता एवं रंगोली-प्रदर्शनी आचार्यश्री विजयराजयशसूरीश्वर जी म.सा. की प्रेरणा से श्री बनारस पार्श्वनाथ मन्दिर जीर्णोद्धार ट्रस्ट की ओर से पार्श्वनाथ विद्यापीठ में यहां के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ० अशोककुमार सिंह के संयोजकत्त्व में ६ से २१ नवम्बर २००० तक चित्रकला प्रतियोगिता-प्रदर्शनी एवं रंगोली प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों को निर्धारित विषय पर निश्चित आकार में चिंत्र (पेण्टिंग) बनाकर घर से ही लाना था। प्रतियोगिता के लिये कुल १०० अंक निर्धारित थे, जिनमें ४० अंक चित्र (पेन्टिग) पर, २५ अंक विषय या थीम पर एवं ३५ अंक • तत्काल रेखांकन (Spot Drawing) पर निर्धारित किये गये थे। प्रतियोगियों को अपनी प्रविष्टि (पेन्टिग) जमा करते समय आयोजन स्थल पर आयोजकों द्वारा निर्धारित विषय या प्रतीक का रेखाचित्र बनाकर तत्काल देना था। प्रतियोगिता हेतु पंजीकरण शुल्क ५/- रुपया निर्धारित किया गया था। प्राप्त १३०० प्रविष्टियों में से विजेता प्रतियोगियों का चयन ललितकला के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् प्रो० एस०के० लाहिड़ी द्वारा किया गया। पूज्य आचार्यश्री राजयशसूरीश्वर जी म.सा० की पावन निश्रा में दिनांक ८-११-२००० को विद्यापीठ में आयोजित शानदार समारोह में विजेता प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का विषय १. व्यसन मुक्ति (जुआ-त्याग, मांस त्याग, मदिरा त्याग, वेश्यागमन त्याग, शिकार त्याग, चोरी त्याग और परस्त्रीगमन त्याग) २. पर्यावरण और अहिंसा ३. जैन तत्त्वज्ञान- त्रिशला माता के स्वप्न, भगवान् पार्श्वनाथ एवं भगवान् महावीर के भव, जैन पौराणिक घटनाएँ आदि। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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