Book Title: Sramana 1999 10 Author(s): Shivprasad Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 7
________________ ॐ55 9 विषय-सूची हिन्दी-संस्कृत खण्ड १. जैन अलङ्कार साहित्य १-११ २. वाग्भटालङ्कार १२-१७ ३. भट्टाकलदेव रचित तत्त्वार्थवार्तिक १८-२४ आचार्य अजितसेन और उनकी अमरकृति 'अलङ्कारचिन्तामणिः' २५-३१ चन्द्रप्रभचरित और महाकवि वीरनन्दी ३२-७१ ६. महाकवि अर्हदास और उनकी रचनाएँ ७२-७५ ७. काव्य-कल्पलता और कवि-कल्पलता ७६-७७ ८. भक्तामर स्तोत्र : एक विवेचन ७८-८७ तत्त्वसंसिद्धि और उसकी वयनिका : एक विवेचन ८८-९७ १०. नेमिनिर्वाण : एक अध्ययन ९८-१०५ ११. अप्रतिहत शक्ति भगवान महावीर १०६-११२ १२. भगवान् महावीर की देन ११३-११५ १३. काशी के कतिपय ऐतिहासिक तथ्य ११६-११८ १४. अतिशय क्षेत्र पौरा ११९-१२५ १५. भोजन और उसका समय १२२-१२४ १६. उपकारी पशुओं की यह दुर्दशा! १२५-१२८ १७. महान् १२९ १८. पूज्य श्री तुलसी गणी १२९-१३० १९. श्रीमुदितमुनि : अभिनन्दनपत्रम् १३०-१३१ २०. अभिनन्दन पत्रम् : साध्वी प्रमुखा श्रीकनकप्रभा १३१-१३२ २१. पं. अमृतलाल जी शास्त्री विद्वानों की दृष्टि में १३३-१४० ગુજરાતી ખંડ ૨૨. શ્રી પંચાસરા પાશ્વનાથ મંદિર વિષેના કેટલાક ઐતિહાસિક ઉલ્લેખો ૧૪૧-૧૪૮ - પ્રા. ભોગીલાલ જ સાંડેસરા ૨૩. ગુજરાતનું પ્રથમ ઈતિહાસકાવ્ય – પ્રા૦ જયન્ત એ. ઠાકર ૧૪૯–૧૫૭ अंग्रेजी खण्ड 4. Bandha-Karma-Moksa and Divinity in Jainism 158-169 - Dr. Mukul Raj Mehta २५. विद्यापीठ के परिसर में १७०-१७६ २६. जैन जगत् १७७-१८१ २७. साहित्य-सत्कार १८२-१९१ २८. संस्थान के विकास में सहयोग का आह्वान १९२-१९३ Composed at : Sarita Computers. Aurangabad, Varanasi, Ph.No. 359521 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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