Book Title: Sramana 1993 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 2
________________ प्रधान सम्पादक प्रो० सागरमल जैन सम्पादक डा० अशोक कुमार सिंह सह-सम्पादक डा० शिव प्रसाद वर्ष ४५ ___ जुलाई-सितम्बर, १९९३ अंक ७-९ प्रस्तुत अङ्क में १. महायान सम्प्रदाय की समन्वयात्मक दृष्टि : भगवद्गीता और जैनधर्म के परिप्रेक्ष्य में -डा० सागरमल जैन १ २. वृत्ति : बोध और विरोध ~महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर ११ ३ शीलदूतम् हिन्दी अनुवाद सहित - वार्षिक शुल्क एक प्रति चालीस रुपये दस रुपये यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा संस्थान सहमत हों। - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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