Book Title: Shwetambar Digambar Part 01 And 02
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Mafatlal Manekchand

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Page 253
________________ १०४ तेन कृतं भावितं यत् तत् तथा किं तदित्याह 'कुक्कुटमांसकं' बीजपूरकं कटाई आहराहित्ति निरवद्यत्वात् । पत्तगं मोएति पात्रकं पीठरकविशेषं मुंचति, सिक्कके उपरिक्तं सत् तस्मादवतारयतीत्यर्थः । ( आ० श्रीअभयदेवसूरि कृत भग० टीका ) ( आ• श्रीदानशेखरसूरि कृत भग• टीका ) माने - 'बीजोरा पाक' ही कुक्कुटमांसक कहा जाता है वह रेवती श्राविका के वहां तैयार था । आज भी दाह वगैरह की शान्ति के लीये बीजोरा अकसीर माना जाता है । सारांश - यहां कुक्कुड़ शब्द बीजौरा का और 'कुक्कुड़मांसक' बीजौरा पाक का ही द्योतक है । (११) "मंसए" शब्द पर विचार "मंसए" यह शब्द बीजौरा से निष्पन्न, पुल्लिंगवाची 'द्रव्य' का द्योतक है। जिसका संस्कृत पर्याय "मांसकः " होता है मांस, और मांस से बने हुए कतिपय शब्दो के अर्थ निम्न प्रकार हैं। मांस (न० ) - गुदा, फलगर्भ, फांक मांस ( न० ) - मांस, गर्भ, मांसक ( पु० ) - पाक, गुदा, मांसफला (स्त्री०) - मांसमिव कोमलं फलं यस्याः । वार्तक्याम् बेंगन, भाठा । ( शब्दस्तोम महानिधि ) जटामांसी (स्त्री०) - जटामांसी, भूतजटा, बालछड वनस्पति, ( भावप्रकाश निघण्टु कर्पूरादि वर्ग श्रो० ८९ ) रक्तबीज - मूंगफली, ( भावप्रकाश पारिभाषिक शब्दमाला) इन अर्थों से सिद्ध है कि-मांस शब्द मांस का द्योतक है और फल के गर्भ का भी द्योतक है, किन्तु मांसकः शब्द तो पाकका ही द्योतक है।

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