Book Title: Shrutsagar Ank 1998 04 006 Author(s): Kanubhai Shah, Balaji Ganorkar Publisher: Shree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुत सागर, चैत्र २०५४ वृत्तांत सागर | 0 भारत की राजधानी दिल्ली महानगर में १४-९-९७ को जन समुदाय भवन (हार्डिंग लाइब्रेरी के पास) जगद्गुरु आचार्य श्री विजयहीरसूरीश्वरजी की स्वर्गारोहण तिथि निमित्त गुणानुवाद तथा शासन प्रभावक, राष्ट्रसंत जैनाचार्य श्रीमत पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज के संयम जीवन की अनुमोदना के प्रसंग पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया. इस सुनहरे अवसर पर अनेक सम्माननीय व्यक्तियों की उपस्थिति में पूज्यश्री के संयम जीवन की अनुमोदना का भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. इस मंगल प्रसंग पर हजारों ग़रीबों को भोजन, वस्त्रादि दान तथा विकलांगों को जयपुरी फूट वितरित किए गए. 0 पूज्य आचार्यश्री एवं उपाध्याय श्री धरणेन्द्रसागरजी म.सा. आदि विशाल गुरुवरों की शुभ निश्रा में ८-१२-९७ को परम पावन हरिद्वार स्थित श्री चिन्तामणी पार्श्वनाथ तीर्थ के प्रांगण में श्री आदिनाथ चरण पादुका प्रतिष्ठा, श्री पुंडरीकस्वामी, श्री गौतमस्वामी के बिंबों की अंजनशलाका प्रतिष्ठा एवं कलशारोपण प्रसंग पर त्रिदिवसीय महा महोत्सव उल्लास के साथ संपन्न हुआ. इस प्रसंग पर विभिन्न धर्मगुरुओं तथा विशिष्ट अतिथियों के सान्निध्य में हजारों भक्तजनों की उपस्थिति में धर्मसभा का आयोजन हुआ. पूज्य आचार्यश्री के शासनप्रभावना के कल्याणकारी कार्यों की सभी महानुभावों ने मुक्त कंठ से अनुमोदना की. साथ . ही साथ मानव-मसीहा, राष्ट्रसंत आचार्यश्री के दीर्घायु की कामना करते हुए विविध धर्माचार्यों ने नत मस्तक हो श्रद्धा सुमन अर्पित किए. ___ हरिद्वार की पावन धरती पर इस जैन तीर्थ का आचार्यश्री के कुशल मार्गदर्शन में सर्वांगीण विकास हुआ है, विशाल नूतन जैनधर्मशाला का खनन मुहूर्त भी सम्पन्न हुआ. दिल्ली का यशस्वी चातुर्मास पूर्ण कर आचार्यश्री हरिद्वार की प्रतिष्ठा सम्पन्न कराकर पुनः दिल्ली पधारे हैं. आपका १-३-९८ को जयपुर में पदार्पण हआ. वहाँ पर वे २० मार्च तक स्थिरता करेंगे. आपकी निश्रा में १७ मार्च को सोलिया में तथा १८ मार्च को खिरिया में प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न होगा. तत्पश्चात अनेक ग्राम-नगर, वन-उपवन विहार करते हुए चित्तोड, उदयपुर, केशरियाजी, इडर आदि महानगरों की धरती को पावन करते हुए ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में महेसाणा तीर्थ पधारेंगे. आपकी शीतल छाया में १३ से २० अप्रेल तक यहाँ नूतन जिन मंदिर की पावन प्रतिष्ठा एवं पूज्य गच्छाधिपति आचार्यश्री सुबोधसागरसूरीश्वरजी म. सा. आदि पूरे समुदाय की उपस्थिति में जिनसे सागरसमुदाय को महान शासन प्रभावक, संघकौशल्याधार एक से एक प्रतिभावन्त महापुरुषों की अनमोल भेंट मिली है ऐसे विश्ववंद्य महापुरुष श्रीमद् रविसागरजी महाराज की सौवीं पुण्य तिथि के उपलक्ष में वर्ष दौरान आयोजित अखंड नवकार जाप, उपधान तप आदि अनेकविध कार्यक्रमों की पराकाष्ठा रूप भव्यातिभव्य । महोत्स; का आयोजन होगा. जिससे विश्वभर में बसे लाखों श्रद्धालुओं को अपनी आराधना के लिए सम्बल मिलेगा. राजनगर से श्री तारंगाजी तीर्थ का छ'री पालित यात्रा संघ का दि. २०-११-९७ को श्री महावीर जे आराधना केन्द्र कोबा में पदार्पण हुआ. ५०० से अधिक श्रद्धालु इसमें सम्मिलित थे. इस संघ को पू. आ. श्री विजयगुणरत्नसूरीश्वरजी आदि सुविशाल साधु-साध्वियों की निश्रा प्राप्त थी, सम्यग ज्ञान-दर्शन-चारित्र की त्रिवेणी सम इस तीर्थ क्षेत्र की विविध प्रवृत्तियों को संघ यात्रियों ने भाव विभोर हृदय से निहारा. इस दौरान बंगलोर से दो अन्य संघ भी यहाँ पधारे और यहाँ की जिनशासन सेवा लक्षी विविध गतिविधियों का दर्शन कर धन्य भागी हुये. कई दाताओं ने तीर्थ में चल रही विविध योजनाओं में अपने द्रव्य का सदुपयोग किया. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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