Book Title: Shrutsagar 2019 02 Volume 05 Issue 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फरवरी-२०१९ श्रुतसागर अचगढ़े आदिनाथना चउमुख त्रिक अति सुविसाल जी। पीतल सुवरण मेलवा मण चउ देसें चउमाल जी अरबुद० ॥१४॥ संघ भगत सहुं साचवी पडी लाभ्या श्रीठ(गुरु)राज जी। सफली यात्रा करी तिहां उतरीया काछोलीनी पाज जी अरबुद० ॥१५॥ सीरोही पउधारीया आचारीज सकल समाज जी। जंगम सुरतरु भेटतां सीधा सहुं वांछीत काज जी अरबुद० ॥१६॥ श्रीसीरोहीना संघनी मुज महीमा वरणी न जाय जी। सह गुरुभक्ती बहुं वलीया उभी कीध सहाय जी अरबुद० ॥१७॥ धन्नकुशल पद सेवथी वली पांमी सुबुधि पसाय जी। सिंहकुसल नित्य सुख लहे अरबुदगिरीना गुण गाय जी अरबुद० ॥१८॥ इति श्रीअर्बुदाचलगिरि स्तवनं सं.१८११ वर्षे मती माघ वदि ११ दिने । ____पं. वसंतविजय लिखीतं ॥ क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं ? आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि विविध प्रकार के साहित्य प्राकृत, संस्कृत, मारुगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में लिखित विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित अतिविशाल बहुमूल्य पुस्तकों का संग्रह है, जो हमें किसी भी ज्ञानभंडार को भेंट में देना है. यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं तो यथाशीघ्र संपर्क करें. पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी. For Private and Personal Use Only

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