Book Title: Shrutsagar 2019 02 Volume 05 Issue 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 29 February-2019 ॥३७(३८)। SHRUTSAGAR दूहा व्रत-मंदिर संयम-सिरि, सेज संतोषसु राग। उन मंदिरमि खेलति, सीत न लागि माघ ___ ढाल फागुण मास वसंत प्रगट्यो, रसीक के मनि रंग। फाग गावि फूंटरां, करि धरि सुंदर चंग माल५ लाल गुलाल दीलि, लिधचूयाचंद (?) । मन्न-वल्लभ मित्र सरसा, होरी हो खेलो जू नंद दूहा ग्यान गुलालि धर्मसु, वल्लभ दरसन चंगु । फागुण संघ वसंतमि, जिनगुण गाउं सुधंग७ ॥३८॥ ससनेहा...॥३९॥ ॥४०(४२)। ढाल ए बार मास रचना भली, सांभलो शिवजी कुमार। जे रंग लागो चित्तसूं, ते नूतरि“ रे लगार ॥४१(४२)। मात अनुमति लेइ करीनि, लीधो संयम भार। संवत सोल अठासीए (१६८८), संघ सोपीउ गच्छनो भारसुसनेहा...।।४२ (४३)।। ए बारमास सहिगुरु केश, संभलि सुविचार। भणि गणि मनि प्रेमसं, संपति लहि ते सार ॥४३(४४)। श्रीसहिगुरु मुनि देवजी, मि पामी तास पसाय। बार मास गच्छनायकजीना, गाया मनि उछाह ॥४४(४५)। धर्मसंघ मुनि भणि भावि, उदिपुर मझार। श्री शिवजी गणि चिरं प्रतपो, संघ सहु जयकार सुसनेहा...॥४५(४६)। ॥ इति श्री शिवजी आचार्यना बारमास संपूर्णः॥ लेखक पाठक्योः शुभं भवतु ॥ श्रीरस्तु ॥ कल्याणमस्तु ॥छ॥ २३. शय्या, २४. ते, २५. माळा, २६.?, २७. शुद्ध अंगे ? 28. न उतरे For Private and Personal Use Only

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