Book Title: Shrutsagar 2015 10 Volume 01 05
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
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SHRUTSAGAR
24
October-2015
एटले ए चित्रों संबंधी विचार कर्या पहेलां आपणे जैन आगमोमां ए घटनाओनो उल्लेख तपासीए.
जैनशास्त्रो मुख्य ते १. मूळ आगम, २. निर्युक्ति, ३ . भाष्य, ४. टीका अने ५. चूर्णि; आ पांच भागोमां वहेंचायेलां छे. अने एमांना केटलांकमां परमात्मा महावीरदेवना जीवन-वृत्तान्तनो उल्लेख मळी आवे छे. खास करीने आचारांग सूत्र, सूत्रकृतांग सूत्र, व्याख्याप्रज्ञप्ति (भगवतीसूत्र), कल्पसूत्र, अने आवश्यक निर्युक्तिमां ए संबंधी सविशेष वर्णन मळे छे.
आगम-वर्णित गर्भापहरणनी घटना :
भगवान महावीरस्वामीना जीवनना ६ विशिष्ट प्रसंगोमांनो बीजो प्रसंग गर्भापहरणनो छे. एनुं सविस्तर वर्णन श्री आचारांगसूलना भावना अध्ययनमां नीचे प्रमाणे आपेल छे :
समणे भगवं महावीर इमाए ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए वीइक्कन्ताए, सुसमाए समाए वीइक्कन्ताए, सुसमदुस्समाए वीइकन्ताए, दुस्समसुसमाए बहु वीइक्कंताए पन्नहत्तरीय वासेहिं मासेहिं य अद्धनवमेहिं सेसेहिं जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्टमे पक्खे आसाढसुद्धे तस्स णं आसाढसुद्धस्स छट्टी पक्खेण हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं... वर्द्धमाणाओ विमाणाओ वीसं सोगरोवमाई आयुयं पालइत्ता आउक्खएणं, ठिइक्खएणं, भावक्खएणं चुए, चइत्ता इह खलु जम्बुदीवेण दीवे भारहे वासे दाहिणड्डूभरहे दाहिणमाहण-कुण्डपुरसन्निवेसम्मि उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगोत्तस्स देवानंदाए माहणीए जालंधरस्स गुत्ताए सीहुब्भवभूएणं अप्पाणेणं कुच्छिसिं गब्धं वक्कन्ते।
...तओण समणे भगवं महावीरे हिआणुकप्पएणं देवेणं जीयमेयं तिकट्ट जे से वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्सणं आसोयबहुलस्स तेरसीपक्खेणं हत्थुत्तराहिं नक्खतेणं जोगमुवागएणं बासीहिं राईदिएहिं वइक्कंतेहिं तेसीइमस्स राइदियस्स परियाए वट्टमाणे दाहिण माहण-कुंडपुरसन्निवेसाओ उत्तर-खत्तिय-कुंडपुरसन्निवेसम्मि नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स तिसलाए खत्तियाणीए वासिदृगुत्ताए कुच्छिंसि गब्र्भ साहरइ । जे विय से तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिंसि गब्भे तं पिय... देवानंदाए कुच्छिंसि
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