Book Title: Shrutsagar 2015 10 Volume 01 05
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org - श्रुतसागर गब्र्भ साहरइ । - सूत्र (१७६) अर्थात् “ श्रमण भगवान महावीरस्वामी आ अवसर्पिणी, काळमां सुषमासुषमा (पहेलो आरो) वीती गये छते, सुषमा (बीजो आरो) वीती गये छते, सुषमादुषमा (तीजो आरो) वीती गये छते अने दुषमसुषमा (चोथा आरा) नो घणो काळ व्यतीत थइ गया पछी तेना ७५ वर्ष अने साडा आठ महिना बाकी रह्या त्यारे ते समये ग्रीष्मऋतुना चोथा महिनामां, आठमा पखवाडियामां आषाढ सुदी छठना दिवसे (रात्रिना समये), उत्तरफाल्गुनी नक्षत्रमां, ..... वर्धमान नामना विमानमांथी, वीस सागरोपमनुं आयुष्य भोगवीने ए आयुष्य, स्थिति अने भावनो क्षय थवाथी च्यव्या, च्यवीने आ जंबूद्वीपना भरतक्षेत्रनां दक्षिणार्ध भरतमां दक्षिणना ब्राह्मणकुंडनगरनी' पासे कोडाल गोत्रवाळा ऋषभदत्त ब्राह्मणनी जालंधर गोलवाळी पत्नी देवानंदा ब्राह्मणीना उदरमां गर्भरूपे आव्या.”...... 25 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अक्तूबर २०१५ त्यारपछी श्रमण भगवान महावीरनी हार्दिक भक्ति करवावाळा देवे, मारो आ परंपरागत आचार छे, एम विचारीने वर्षाऋतुना त्रीजा महिनामां, पांचमा पखवाडीयामां आशोवदी तेरशने दिवसे उत्तराफाल्गुनी नक्षत्रमां, ८२ रात्रिदिवस पछी ८३ मा रात्रिदिवसना समयमां दक्षिणना ब्राह्मणकुंडपुरना संन्निवेशमांथी लईने उत्तरना क्षत्रियकुंडपुर े सन्निवेशमां ज्ञातक्षत्रिय, काश्यपगोलीय सिद्धार्थ नामना क्षत्रियनी वशिष्ठगोत्रवाळी त्रिशला नामनी पत्नीना उदरमां गर्भ मूक्यो. अने त्रिशला क्षत्रियाणीना उदरमांना गर्भने ..... देवानंदानी कुक्षिमां मूक्यो. (आ गर्भ पुत्त्रीनो हतो). १. आ स्थान बिहार अने ओरीसा प्रांतमां मुंगेर जील्लामां सिकंदरानी पासे लछवाडाथी बे माईल पश्चिमे छे. ए गामने अत्यारे "माहणा” कहे छे. अहीं ब्राह्मणोनी वसती मोटा प्रमाणमां छे. For Private and Personal Use Only २. मुंगेर जील्लामां सिकंदराथी बे माईल दक्षिणमां (लीछवी राजाओनी प्राचीन राजधानी) लछवाडा गाम छे. त्यांथी पहाडी मार्गथी छ माईल दक्षिणमां पर्वत उपर "जन्मस्थान" भूमि छे. जेनुं प्राचीन नाम कुंडपुर हतुं. पहाड उपर चढवाना रस्तानुं नाम कुंडघाट छे. कुंडघाटना पासेना ज प्रदेशोमां क्षत्रियकुंड सन्निवेशना प्राचीन खंडेरो पड्या छे. आश्चर्यनी वात छे के त्यां पहाडी प्रदेश होवा छतां 'झाडी - वृक्षो अने पाणी खूब छे. एक बांधेलो पाको कुवो छे. अहींनी इंटो नालंदानी इंटोथी मोटी छे. जन्मस्थाननो पहाडी प्रदेश अत्यारे पण झाझापरखंडाना राजा चंद्रमौलिना अधिकारमां छे. आ राजानुं मानवु छे के तेओ नंदीवर्धन (भगवान महावीरना भाई ) ना वंश ज छे.

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36