Book Title: Shraddhdin Krutya Sutram
Author(s): Rajshekharsuri
Publisher: Arihant Aradhak Trust

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्राद्ध० तन्निरूपणम् प्रस्तुतकथनम् www.kobatirth.org १५४ १५५ १५६-१५७ १५८ १४ व्यवहारशुद्धिद्वारे पञ्चदशकर्मादानवर्जनायोपदेशः कूटवाणिज्यनिषेधः व्यवहारशुद्धेरेवोत्तरगुणभूतत्वदर्शनम् १५९-१६१ व्यवहारशुद्ध्यभावे सर्वस्य नैष्फल्यकथनम् १६२ एतस्यैवार्थस्य भावनम् व्यवहारशुद्धिविषयेऽन्वयव्यतिरेकावुपदर्श्य तद्विषय १६३ एवोपदेशप्रदानम् १६४ १६७ कुशीलानां संसर्गेण उभयलोकभ्रष्टता १६५-१६६ एतस्यैवार्थस्य सदृष्टान्तकथनम् कुमित्रसंसगस्य प्रतिजन्म दुःखावहत्वदर्शनम् १६८ कुत्रिम सुमित्रसंसर्गे दोषगुणाविष्करणपूर्वकं दृष्टान्तप्रदर्शनम् सत्सङ्गोपदेशः Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only १६९ १७० १५ भोजनद्वारे मध्याह्नसमयरूपभोजनवेलाप्राप्तौ सुश्रावकस्य गृहबिम्बपूजनवन्दनविधानम् १७१ १७३-१७४ निष्पन्नायां रसवत्यां साधुनिमन्त्रणविधिः १७२ गृहान्तर्गतसाधूनां प्रतिपत्तिपूर्वकं प्रतिलाभनविधिः दानक्रियायामुत्सर्गापवादयोः कथनम् १७५ उत्सर्गापवादौ प्रदर्श्य यद्विधेयं तस्य दर्शनम् १७६ स्वर्णरूप्यादिवर्जं यद्यतिजनयोग्यं तस्य प्रदर्शनम् संयमोपग्रहहेतुदानकथनम् १७७ १७८ सूत्रम् 119811

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