Book Title: Shraddhdin Krutya Sutram
Author(s): Rajshekharsuri
Publisher: Arihant Aradhak Trust

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्राद्ध० सदृष्टान्तं निर्देशः ९ वन्दनद्वारे द्रव्यपूजाशेषस्य कथनम् ऋद्धिमत्पूजामुपसंहृत्येतरश्राद्धस्य चैत्यगमनविधेर्निरूपणम् संभवद्विधेः कथनम् वन्दनविधिः वन्दनफलम् वन्दनस्यैव फलं दृष्टान्तद्वारेण षड् वन्दनजन्यगुणाः १० प्रत्याख्यानद्वारे गुरुसाक्षिकं प्रत्याख्यानकरणम्, १२ यतिपृच्छाद्वारे गुरोः शरीरनिराबाधवार्तादिपृच्छनम् www.kobatirth.org ७० ७१-७६ ७७-७८ ७९ ८० ८१ ८२ ८३ ८४ ८४ १३ उचितकरणीयद्वारे तदनन्तरकरणीयस्य निर्देश: ११. श्रवणद्वारे श्रवणविधिः अस्यैवार्थस्य सविशेषं भावनम् सशङ्कितानामर्थानां पृच्छा विचारविधिश्च संशयानुच्छेदे दूषणकथनम् संशयापोहपूर्वकं विदितपरमार्थेन भवितव्यमित्युपदेशः चैत्योद्धारचिन्तादिकृत्यकथनम् चैत्योद्धारादिकृत्यमेव गार्हस्थ्यसारम् जीर्णोद्धारफलम् जीर्णोद्धारनिगमना जीर्णोद्धारचिन्तानन्तरं पुनः For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८४-८५ ८६-८९ ९०-९३ ९४ ९५ ९६ ९७-९८ ९९ १००-१०९ ११० सूत्रम् ||१२||

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 218