Book Title: Shraddhdin Krutya Sutram
Author(s): Rajshekharsuri
Publisher: Arihant Aradhak Trust
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श्राद्ध०
सदृष्टान्तं निर्देशः
९ वन्दनद्वारे
द्रव्यपूजाशेषस्य कथनम् ऋद्धिमत्पूजामुपसंहृत्येतरश्राद्धस्य चैत्यगमनविधेर्निरूपणम्
संभवद्विधेः कथनम् वन्दनविधिः
वन्दनफलम्
वन्दनस्यैव फलं दृष्टान्तद्वारेण
षड् वन्दनजन्यगुणाः
१० प्रत्याख्यानद्वारे
गुरुसाक्षिकं प्रत्याख्यानकरणम्, १२ यतिपृच्छाद्वारे गुरोः शरीरनिराबाधवार्तादिपृच्छनम्
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१३ उचितकरणीयद्वारे तदनन्तरकरणीयस्य निर्देश:
११. श्रवणद्वारे
श्रवणविधिः
अस्यैवार्थस्य सविशेषं भावनम्
सशङ्कितानामर्थानां पृच्छा विचारविधिश्च
संशयानुच्छेदे दूषणकथनम् संशयापोहपूर्वकं विदितपरमार्थेन भवितव्यमित्युपदेशः चैत्योद्धारचिन्तादिकृत्यकथनम् चैत्योद्धारादिकृत्यमेव गार्हस्थ्यसारम् जीर्णोद्धारफलम्
जीर्णोद्धारनिगमना जीर्णोद्धारचिन्तानन्तरं पुनः
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