Book Title: Shastravartta Samucchaya Part 9 10 11
Author(s): Haribhadrasuri, Badrinath Shukla
Publisher: Divya Darshan Trust

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ ग्रन्थानुक्रमणिका पृष्ठ | विषय प्रकाशकीय निवेदन प्रस्तावना सम्पादकीय विषयानुक्रमः नवमः स्तरका १ से १३४ व्याख्या मंगलाचरणम् भगवान् महावीर के चरणों की नख कान्ति का सस्तव शंखेश्वरपाश्वनाथ भगवान के नामोच्चारण का प्रभाव जिनशासनकी सत्तिमता मोक्षप्राप्ति के उपाय का अस्तित्व है ? पूर्वपक्ष मोक्षोपाय क्रमपरिणतिसापेक्ष -इस आशंका का निरसन मोक्ष का उपाय: शान-दर्शन-चारित्र -उत्तरपक्ष नयायिक अभिमन मोक्ष की समीक्षा ६ चरमःखवंसस्वरूप मोक्ष मानने में बाधा दुःवयंस या दुःखात्यन्ताभाषरूप मोक्ष -एकदेशी परमात्मा में आत्मा के लयस्वरूप मुक्तिघिण्डि निरुपालय चित्तमन्तति मोक्षविज्ञानवादियो मुक्ति स्वातन्त्र्य स्वरूप है प्रकृति और उसके विकारों का विलय मुक्ति-साध्य विषय अनिमचित्तानुत्पादसहित पूर्वचित्तनाश मुक्ति-बौद्ध नित्यनिरतिशयसुख की अभिव्यक्ति मोक्ष -मीमांसक अधिधा नित्त होने पर केवल आत्मस्वरूप मुक्ति -वेदान्ती ज्ञानमात्र मोक्षोपायवादी वेदान्तीका निरसन प्रारब्धकर्म में अज्ञाननिवृत्ति प्रतिबन्धकत्व अमंगत मम्यक् क्रिया भी मुक्ति का हेतु १७ योगात्मक क्रियामात्र मोक्षोपायवादी पातंजलमतसमीक्षा ज्ञान-कर्म समुच्चय में मोक्षঅগ্নিামিন্নাথ शान-कर्म तुल्यवत् समुच्चयवादी भास्करमत शान के साथ कितने कर्म मोक्षजनक ? भास्करमत की समीक्षा द्रव्यात्मक अहरसिद्धि में बाधक शंका का निरसन कर्म से तत्वज्ञानद्वारा मोक्षलाभउनयनाचार्य उदयनाचार्यमत की समीक्षा ज्ञान-कर्मसमच्चयवाद का समर्थन २५ ज्ञानमात्र से मोक्ष-नव्यमत नव्यमत-निरसन युक्तियाँ नग्नता का आग्रही दिगम्बर मत दिगंयरों का निर्वस्त्र-निर्ग्रन्थता का समर्थन

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 497