Book Title: Shashti Shatak Prakaranam
Author(s): Manvijay
Publisher: Satyavijay Jain Granthmala

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir विषय, पत्रा पत्राहर AAAAAAE गाथाङ्क २१९ अबालस्वरूपम् १२० निःसत्वस्वरूपम् १२१ अधमाधमस्वरूपम् १२२-२३-२४ उत्सूत्रभाषिणां दोषदर्शनम् ९७-९८ १२५-२६ उत्सूत्रभाषकस्य उपदेशदानं अनर्थ कारणम् ९८-९९ १२७ जिनधर्माराधनफलम P१२८ शुश्रुषास्वरुपम 8/१२९ मुगुरुपाचेश्रवणम् १०२ टू १३० कुगुरुं सुगुरुमिव मन्यमाने दोषाः १३१ धर्म विदधतोऽपि धर्मविमुखत्वस्य कारणम१०३ १३२ लोकस्थितिवर्णनम् १०३ १३३ भगवदचने निश्चलस्य स्तुतिः १०४ गाथाङ्क. विषय. १३४-३५-३६ गुरुदर्शनपश्नः १३७-३८ मुगुरुलब्धेऽपि संशयस्य निराकरणम् १०५-६/४ १३९ बाते गुरौ शङ्कासमाधानम् १४० श्रद्धासहितस्य कर्त्तव्यम् १४१ लोकमवाहस्य कर्तव्यम् १४२ पतितालम्बनग्राहिणो दोषदर्शनम् १४३ सुमार्गनिरतसङ्गस्य दोलभ्यम् १४४ सुमार्गनिरतसङ्गमेऽपि अभिमानीस्वरुपम १४५ अभिमानीदूषणदर्शनम् १४६ लोकस्वभावस्वरूपम् १४७ लोकाचारमनने दोषदर्शमम् १४८ लोकाचारमनननिषेधोपदेशः १४९ जिनमननेऽपि लोकाचारमनने दोषाः ARRAITKARTERRA १०९ १०२ For Private and Personal Use Only

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