Book Title: Shashti Shatak Prakaranam
Author(s): Manvijay
Publisher: Satyavijay Jain Granthmala
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शिवक
॥ ४ ॥
गाथाङ्क.
विषय१५०-५१ मिथ्यात्वग्रस्तस्य कार्यम
१५२ यस्य वर्त्तने वचने च भेदः स न गुरुः १५३ श्रुतोक्तविधौ अप्रवर्तमानस्य दोषाः १५४ प्रभुवचनाशातनायां दुष्टत्वकथनम् १५५ आत्मनः गर्दाकथनम
१५६ अनुष्ठानविधौ प्रयत्ने शङ्कानिरासत्वम्
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पत्राङ्क.
११३
११४
११५
११६
११६
११६
१६० स्वगुरुविज्ञप्तिः १६१ उपसंहारः
विषय.
गाथाङ्क
पत्राइ.
१५७ जिनवचनकरणमनोरथस्य आशंसाकरणम् ११७
१५८ जिनवचनग्रहणेलोभः
११७
१५९ लोभस्य कारणम्
११७
११८
११९
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प्रकरण ॥
शुचीपत्रम
ध
॥ -- ॥

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