Book Title: Shantinath Purana
Author(s): Asag Mahakavi, Hiralal Jain, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Lalchand Hirachand Doshi Solapur

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Page 4
________________ प्रकाशकीय निवेदन यह शांतिनाथ पुराण ग्रंथ चरणानुयोगका अनुपम ग्रंथ है । ग्रंथकर्ता असग कवि ने इस ग्रंथमें शांतिनाथ भगवान का चरित्र अति विस्तार से निरूपित किया है । स्व० श्रीमान् डॉ० ए० एन० उपाध्ये इन्होंने इस पथके प्रकाशन के लिये मूल प्रेरणा दी.। श्रीमान् साहित्याचार्य डॉ० पं० पन्नालालजी जैन इनको इस ग्रंथका अनुवाद करने की प्रार्थना की। उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। इस प्रकार यह ग्रंथ निर्माण करने में उनका अपूर्व सहयोग मिला। इस ग्रंथका प्रकाशन श्रीमान् पाँचूलालजी जैन कमल प्रिन्टर्स मदनगंज किशनगढ़ इन्होंने अपने प्रेस में अतीव सुचारु रूप से अति शीघ्र काल में छपकर प्रकाशित करने में सहयोग दिया इसलिये उनको हम धन्यवाद अर्पण करते हैं। ___ अंतमें इस ग्रंथका पठन-पाठन घर-घरमें होकर तीर्थ प्रवृत्ति अखंड प्रवाह से कायम रहे यह मंगल भावना हम प्रगट करते हैं। भवदीय : बालचन्द देवचन्द शहा मंत्री जैन संस्कृति संरक्षक संघ जीवराज जैन ग्रंथमाला सोलापुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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