Book Title: Shant Sudharas Part 02
Author(s): Ratnasenvijay
Publisher: Swadhyay Sangh

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Page 260
________________ ३. प्रतिमा पूजन - क्या प्रतिमा पूजनीय है ? प्रतिमा की पूजा करने से क्या हमें कुछ लाभ हो सकता है ? क्या वीतराग की प्रतिमा की पूजा अनिवार्य है ? इत्यादि शताधिक प्रश्नों के जवाब के साथ-साथ प्रतिमा-पूजन की प्राचीनता सम्बन्धी विस्तृत जानकारी इस पुस्तक से मिलती है । सत्य प-जिज्ञासु आत्मा के लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय है । मूल्य : आठ रुपये ४. नमस्कार मीमांसा - पूज्यपादश्री की यह भी एक महत्त्वपूर्ण कृति है । विशाल शासन- समुद्र के अवाहन के बाद, नमस्कार महामंत्र की महत्ता को सिद्ध करने वाले अनेक छोटे-बड़े लेखों का संग्रह पर्थात् नमस्कार मीमांसा । इस पुस्तक में १२३ छोटे-बड़े निबन्ध हैं। थोड़े से शब्दों में पूज्यपादश्री ने बहुत कुछ कह दिया है । सचमुच, ये निबन्ध गागर में सागर का काम करते हैं । मुमुक्षु श्रात्मा के लिए इसका स्वाध्याय बहुत जरूरी है । शान्त सुधार विवेचन- २४६ मूल्य : आठ रुपये ५. चिन्तन के फूल - धर्म का स्वरूप, सुख का स्वरूप, अनेकांतवाद, मैत्री भावना, आनन्द की शोध आदि-आदि अनेक चिन्तनात्मक लेखों का संग्रह इस पुस्तक में उपलब्ध है । जैनदर्शन के हार्द को समझने के लिए यह पुस्तक अत्यन्त ही उपयोगी है । मूल्य : पाँच रुपये

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