________________ SSC HARYAL miji जीवन में नैतिक जागरण और सन्मार्ग प्राप्ति के लिए परम पूज्य मुनिप्रवर श्री रत्नसेन विजय जी म.सा. का सरल, सरस व सुबोध हिन्दी साहित्य अवश्य पढ़ें : वात्सल्य के महासागर 2. सामायिक सूत्र विवेचना चैत्यवंदन सूत्र विवेचना आलोचना सूत्र विवेचना वंदित्तु सूत्र विवेचना आनंदघन चौबीसी-विवेचन कर्मन् की गत न्यारी मानवता तब महक उठेगी मानवता के दीप जलाएँ चेतन ! मोह नींद अब त्यागो जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है 12. मृत्यु की मंगल यात्रा 13. युवानो ! जागो 14. शान्त-सुधारस हिन्दी विवेचन (भाग-१) 15. शान्त-सुधारस हिन्दी विवेचन (भाग-२) 16. The Light of Humanity (In Press) 17. रिमझिम-रिमझिम अमृत बरसे (प्रेस में) सम्पर्क सूत्र SARKAR 1. Shantilal D. Jain c/o Indian Drawing Equipment Industries, Shed No.2, Sidco Industrial Estate, Ambattur -Madras-600 098 XXX 2. कांतिलाल मुणत, 106, रामगढ़, आयुर्वेदिक हॉस्पीटल के पास, रतलाम (M.P.)457001