Book Title: Shant Sudharas Part 02
Author(s): Ratnasenvijay
Publisher: Swadhyay Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 265
________________ १०. जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है-लेखक मुनिश्री ने प्रस्तुत पुस्तक में ऐतिहासिक तीन चरित्र-नायकों के अद्भुत और रोमांचक जीवन-दर्शन को बहुत ही आकर्षक शैली में प्रस्तुत किया है। 'मां हो तो ऐसी हो' चरित्र कहानी सच्चे मातृत्व की पहचान कराने वाली है । शासन की रक्षा के लिए अपना जीवंत बलिदान देने की तैयारी बताने वाले 'प्रभावक सूरिवर' का चरित्र हम में नया उत्साह और जोश भरे बिना नहीं रहता.."और अन्त में 'ब्रह्मचर्य-प्रभाव' कहानी जिसमें महामंत्री पेथड़शाह की जिंदगानी को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, हमें ब्रह्मचर्य की महिमा समझाती है। पुस्तक अवश्य पठनीय है। ११. चेतन ! मोह नींद अब त्यागो-महोपाध्याय श्रीमद् यशोविजयजी विरचित 'चेतन ज्ञान अजुवालीए' सज्झाय का विस्तृत विवेचन अर्थात् 'चेतन ! मोह नींद अब त्यागो'। अनादि की मोहनिद्रा में से आत्मा को जागृत करने के लिए महोपाध्यायश्री की कृति के अनुसार लेखक मुनिश्री ने बहुत ही सुन्दर विवेचन प्रस्तुत किया है, जो अवश्य पठनीय है। सम्भव है कि इस पुस्तक के वाचन से आपकी मोह निद्रा दूर हो जाय । १२. मृत्यु की मंगल यात्रा-पुस्तक में लेखक मुनिश्री ने पत्रों के माध्यम से मृत्यु के अगम रहस्यों को समझाने का सुन्दर व सफल प्रयास किया है। इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता पत्र-शैली है। काल्पनिक पत्रों के माध्यम से लेखक ने मृत्यु को मंगलमय बनाने के लिए बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन दिया है। शान्त सुधारस विवेचन-२५१

Loading...

Page Navigation
1 ... 263 264 265 266 267 268