Book Title: Shaddarshan Sutra Sangraha evam Shaddarshan Vishayak Krutaya
Author(s): Sanyamkirtivijay
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 454
________________ षड्दर्शनसूत्रसंग्रहः- अकारादिक्रमः - तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् ३२ ३४ निरुपभोग निर्देश निर्वर्तना निर्वृत्युप निःशल्यो निःशील निष्क्रियाणि नृस्थिति r or m m mm m नैगम mm mm पञ्चनव पञ्चेन्द्रियाणि परतः परं परं परविवाह परस्परो परस्परोपग्रहो ३७ २७ प्रदेश संहार २५ प्रदेशतो ३२ प्रमत्त प्रमाण नयै प्राग्गैवय प्राङ्मानु प्रायश्चित्त (ब) बन्धवध बन्धहेत्व बन्धे २६ बहिर ३० बहुबहु २७ बह्वारम्भ ३४ बादर २८ बाह्या ३१ ब्रह्मलोका ३३ (भ) ३० भरत २९ भवनवासि २९ भवनेषु २९ भवनेषु च ३७ भवप्रत्ययो २८ भूतव्रत्य ३८ भेदादणुः भेदसंघात (म) २६ मतिश्रुतयो ३७ मतिश्रुतावधयो ३७ मतिश्रुतावधि ३४ मतिः स्मृति २५ मत्यादीनाम् ३१ माया २७ मारणा ३३ मार्गाच्चवन २५ मिथ्यादर्शन २९ मिथ्यो २८ मेरुप्रदक्षिणा ३६ मूर्छा मैत्री ३४ मैथुन मोहक्षयाद् (य) २९ यथोक्त २५ योगदुष्प ३२ योगोपयोगी ३६ योगवक्रता (र) २९ रत्नशर्करा ऋजु २८ रुपिणः २९ रुपिष्ववधेः ३० रुपिष्वादि (ल) २५ लब्धि ३२ लब्ध्यु ३१ लोकाकाशे ३१ (व) वर्तना वाचना २६ वाय्वन्ता २५ विग्रहगतौ २५ विग्रहवती ३४ विघ्नकरण २८ परात्म ३० परा पल्योपमम् परेऽप्रवीचारा पीतपद्म पीतान्त पुलाक पुष्करार्धे च पूर्वप्रयोगा । पूर्वयो पृथक्त्वैक पृथिव्य परेमोक्ष परे केवलिनः प्रकृति प्रत्यक्षम ३१ ३७ २७ २७ २७ Jain Education International ३३ www.jainelibrary.org For Personal & Private Use Only

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