Book Title: Sanskrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): V Vardacharya
Publisher: Ramnarayanlal Beniprasad

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Page 8
________________ अध्याय १६. सुभाषित-ग्रन्थ १६१-१६४ सुभाषित-ग्रंथों का महत्त्व-गाथासप्तशती आदि ग्रन्थ । १७. गद्य-काव्य १६५-१७६ . गद्यकाव्य का लक्षण-विशेषताएँ-दो भेद, कथा और पाख्या यिका-उत्पत्ति--बाण, दण्डी, सुबन्धु आदि लेखक । १८. चम्पू १८०-१८६ विशेषताएँ--उत्पत्ति और विकास । १६. कथा-साहित्य १८७-१९५ उत्पत्ति--वृहत्कथा आदि ग्रन्थ । २०. नीति-कथाएँ १९६-२०१ विशेषताएं--पंचतन्त्र और हितोपदेश । २१. संस्कृत नाटक, उनकी उत्पत्ति, उनको विशेषताएँ और उनके भेद २०२-२१७ नाटकों की उत्पत्ति के विषय में परम्परागत मत-नाटकों का प्रारम्भ-प्रारम्भिक ग्रन्थ-संस्कृत नाटकों के यूनानी उद्भव पर विवेचन-संस्कृत नाटकों की विशेषताएँ--नाटकों के भेद --उपरूपक। २२. संस्कृत नाटक-कालिदास के पूर्ववर्ती और कालिदास के समकालीन २१८-२३७ त्रिवेन्द्रम् नाटक और उनका लेखक--भास के नाटककालिदास के नाटक--कालिदास नाटककार, कवि और गीतिकाव्य लेखक के रूप में।

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