Book Title: Sanskrit Sahitya Ka Itihas Author(s): V Vardacharya Publisher: Ramnarayanlal BeniprasadPage 10
________________ पृष्ठ २६. धर्मशास्त्र । ३३१-३३५ धर्म--धर्म का क्षेत्र--स्मृतिग्रंथ-स्मृतियों के सारग्रन्थ । . ३०. उपवेद--आयुर्वेद, गान्धर्ववेद, धनुर्वेद, अर्थशास्त्र और सहायक शास्त्र ___३३६-३५३: आयुर्वेद--चरक, सुश्रुत, वाग्भट्ट आदि--पशुओं, वृक्षों आदि के रोगों पर वैद्यक के ग्रन्थ--कामशास्त्र--गान्धर्ववेद, नृत्य और संगीत--धनुर्वेद--अर्थशास्त्र, कौटिल्य, कामन्दक आदि--अन्य शास्त्र--शिल्पकला, चित्रकला, रत्नशास्त्र, चौरविद्या, वनस्पति विज्ञान और रसायन-विज्ञान । ३१. भारतीय दर्शन और धर्म--सामान्य सिद्धान्त और विभिन्न दर्शन ३५४-३५८. दर्शन और धर्म--इनका परस्पर सम्बन्ध--इनकी विशेषताएँ --दर्शनों का आस्तिक और नास्तिक दो भागों में विभाजन । ३२. नास्तिक-दर्शन ३५६-३७१ चार्वाक्-दर्शन--बौद्ध-दर्शन--बौद्धधर्म की चार शाखाएँ--वैभाषिक, सौत्रान्तिक, योगाचार और माध्यमिक--महायान और हीनयान--जैनधर्म--रत्नत्रय, स्याद्वाद--जैनधर्म की दो शाखाएँ--श्वेताम्बर और दिगम्बर । ३३. प्रास्तिक-दर्शन--न्याय, वैशेषिक, सांख्य और योग ३७२-३८३ ६ दर्शन--न्याय, बैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्तन्याय और वैशेषिक-दर्शन-प्रमाणविवेचन और परमाणुवादसांख्य-दर्शन, सत्कार्यवाद--योग-दर्शन, अष्टांग, राजयोग और हठयोग ।Page Navigation
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