Book Title: Sanskar ABCD Author(s): Priyam Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar View full book textPage 8
________________ 8 ABCD या पड़ोस में किसी का काम भी कर सकते हैं। This is also a type of Exam. Life-exam. My dears, जितना efforts आप School-exam के लिए करते हैं, उससे भी अधिक effort life exam के लिए करें। This is C for Care. आज Marketing का जमाना है। टी.वी. में न्युज पेपर्स में, रास्ते पर, फोन पर सब जगह आपको अनेक प्रकार के Adds देखने को मिलेंगे। आपने Light वाले shoes की adds देखी। पापा बेचारे थके-मांदे घर आए और आपने demand कर दी। जिद पकड़ ली - "मुझे light वाला shoes चाहिए ही । " पापा आपको समझाते हैं –”बेटा ! तेरे पास ३ pairs shoes हैं, २ pairs चप्पल हैं, १ pairs स्लीपर्स हैं, तो फिर तुम्हें नए shoes क्यों चाहिए ...." “ना पापा, मुझे light वाला shoes चाहिए... चाहिए... चाहिए...” My dears! कल तक शायद आप ऐसी जिद करते थे, परन्तु अब आप ऐसी जिद कभी ना करें। आपके पास शायद light वाला shoes नहीं है, shoes तो है ना? दुनिया में करोड़ो लड़के ऐसे हैं, जिनके पास चप्पल या स्लीपर भी नहीं है। वे नंगे पाँव घूमते हैं। और दुनिया में लाखों लड़के ऐसे हैं, जिनके पास पैर ही नहीं हैं। या किसी road-accident या factory accident में उनके पैर कट गए हैं या पोलियो के कारण उनके पाँव बेकार हो गए हैं। सारी जिन्दगी वे अपनी इच्छा से एक कदम नहीं चल सकते हैं। क्रिकेट का एक भी रन नहीं बना सकते हैं | My dears, कभी यह न विचारें कि आपको क्या नहीं मिला है? Always think -आपको ऐसा कितना कुछ मिला है, जो लाखों - करोड़ों को नहीं मिला है। Do you know? दुनिया में हर रोज १२५ करोड़ लोग भूखे सो जाते हैं। जिनमें ४२ करोड़ लोग भारत के हैं। अपने शौक - मौज के लिए पैसे उड़ाने से पहले क्या आपको वे लोग याद नहीं आने चाहिए? जब आपकी मम्मी आपसे कहती है - “चलो बेटा! तुझे नए ड्रेस दिलाने के लिए मार्केट जाते हैं।" तो आप अपनी मम्मी से कहना, “मम्मी! मेरे पास २० ड्रेस तो हैं। मुझे नए ड्रेस का क्या काम है? मम्मी, तू मुझे poor area में ले चल। मुझे अपने पाँच एक्स्ट्रा ड्रेस - एक्स्ट्रा फुट-वेयर डोनेट करने हैं।” This is C for Care.Page Navigation
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