Book Title: Sanskar ABCD
Author(s): Priyam
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Heart to Heart Pleasing lacs of Parents & thousends of teachers संस्कार A B C D प्रियम् अहो श्रुतम् श्री बाबुभाई सरेमलजी बेडावाला सिद्धाचल बंग्लोझ, हीरा जैन सोसायटी साबरमती, अमदावाद-५ cell - 9426585904 – Email : ahoshrut.bs@gmail.com Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD My dear brothers & sisters ! How are you? Fine? आज आपको ऐसी बात कहनी है, जिससे आपका जीवन सुखी हो। आप स्वयं भी सुखी हों। और आपके आसपास के लोग भी सुखी हों। जब नर्सरी के क्लास में आपका 1st day था। क्या आपको याद है? मम्मी ने आपको कैसा तमाचा मारा था कि आप कितने रोए थे, वह मुझे आपको याद नहीं कराना है। नर्सरी के पहले दिन आपने शायद ABCD सीखा था. A for Apple, B for Ball, C for Cat, D for Dog. Right है? Well, आज मैं आपसे जो बातें करने जा रहा हूँ, वह भी है तो ABCD की ही, परन्तु यह ABCD उससे अलग है, इसमें A for Apple नहीं है। इसमें है A for Art of living मात्र समय व्यतीत हो, दिन, महीने और वर्ष बीतते जाएँ, उसे जीवन जीना नहीं कहा जाता है। कुत्तों और कौओं को भी तो जीवन मिला है। उनका भी समय व्यतीत होता है। वास्तव में जीवन जीने के लिए हमें Art of living आना चाहिए। एक बहुत बड़ा दार्शनिक था, सोक्रेटिस। वह अनेक प्रकार से Lucky था। परन्तु उसका एक Bad-luck था कि उसको Wife बहुत खराब मिली थी। महाभारत की भाषा में कहूँ, तो उसकी Wife हिडिंबा जैसी थी। दिन-रात उसके साथ Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD झगड़ा करती रहती थी। I Know, यहाँ बहुत सारे लड़के झगड़ा - Champion हैं| झगड़ा करने में master. झगड़ा किए बिना उनका काम ही नहीं चलता। Am I Right? My dear,नीतिशास्त्र में कहा गया है पुष्पैरपि युद्धं नीतिविदो नेच्छन्ति नीतिज्ञ लोग फूलों के साथ भी युद्ध करना पसन्द नहीं करते हैं। झगड़ा करने का मतलब है अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना। परन्तु सोक्रेटीस की Wife आप जैसी Lucky नहीं थी। उसे ऐसा संस्कार ABCD नहीं मिला था। एक बार सोक्रेटिस थका-मांदा घर आया। पत्नी ने उसे न पानी के लिए पूछा, न आराम के लिए पूछा। उसे बैठने भी नहीं दिया और जोर-जोर से बोलने लगी, बोलती ही रही... बोलती ही रही... इतना गुस्सा, इतने तीखे और कड़वे शब्द, लाल-लाल आँखें... My dears! Mark the spelling of Anger & Danger. Anger is one letter short of danger. If you want happiness in your life, never the angry, control your passions, otherwise they will control you. गुस्सा करने से हेडेक, बी. पी. प्रोब्लेम्स तथा अन्य छोटे-छोटे प्रोब्लेम्स होते हैं। एक स्त्री बहुत ही गुस्से में थी। उसी समय उसका दो महीने का बालक रोने लगा। वह स्त्री बालक को दूध पिलाने बैठ गई। कुछ ही देर में वह बालक बेहोश हो गया। मम्मी घबड़ा गई. बालक को होस्पिटल में Admit किया। रिपोर्ट आया कि बालक के पेट में Poison गया था। माँ का दूध, जो अमृत कहलाता है, वह भी गुस्से के कारण Poison effect के कारण जहर बन गया। My dear! आज करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिनका जीवन गुस्से के कारण ज़हर बन गया है। I don't wish, आपके साथ भी ऐसा हो । Today I give you two life slogans. १. सिर पर हमेशा Ice Factory रखें. २. मुख में हमेशा Sugar Factory रखें. हमारी महानता आग के सामने आग बनने में नहीं है। बल्कि Ice Cool बनने Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD में है। मम्मी-पापा या टीचर्स यदि आपको डांटते हैं, तो वह आपके भले के लिए है। आप उसे स्वीकार करना सीखें। बोलें तो हमेशा मीठा ही बोलें। आप किसी को साला भी कह सकते हैं और प्यार भी कर सकते हैं। आपको दोनों में से क्या अच्छा लगता है? प्यार ना? Than try to understand. दूसरों को भी वही सुनना अच्छा लगता है। जं इच्छसि अप्पणतो जं च न इच्छसि अप्पणतो ___ तं इच्छह परस्सावि आप अपने लिए जो चाहते हैं, वही दूसरों के लिए भी चाहें। आप अपने लिए जो नहीं चाहते हैं, वह दूसरों के लिए भी मत चाहें। ठंडा माथा और मीठी जीभ, यही सुखी जीवन की कुंजी है। A for Art of living. सोक्रेटिस की पत्नी ने उसे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ा था। चालीस मिनट तक वह लगातार बोलती रही। कोई और होता तो या तो रो देता या लड़ लेता। परन्तु सोक्रेटिस को A for Art of living आता था। सामने हो आग तो आप बन जाएँ पानी। सोक्रेटिस मंद-मंद मुस्कुरा रहा है। My dears, आपको यदि हँसना आता हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रुला नहीं सकती। आप यदि सुखी रहना सीख लें, तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको दुःखी नहीं कर सकती है। __ I ask you one question. आप टी.वी. देख रहे हैं। टी.वी. का रिमोट आपके हाथ में है। आप वोल्युम कम-ज्यादा कर सकते हैं। चेनल बदल सकते हैं। टी.वी. ऑन-ऑफ कर सकते हैं। टी.वी. का रिमोट आपके हाथ में है। आपका रिमोट किसके हाथ में है? कोई आपको दो अच्छे शब्द कहे तो आप खुश हो जाएँ और दो बुरे शब्द कहे तो आप नाखुश हो जाएँ, तो समझ लें कि आपका रिमोट दूसरे के हाथ में है। सामने वाला आपके साथ ऐसा व्यवहार करता है कि आपको गुस्सा आ जाए, और आपको गुस्सा Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD आ जाता है, तो समझ लें कि रिमोट उसके हाथ में है। टी.वी. का Adds आपको आकर्षित करे और आप आकर्षित हो जाएँ, तो समझ लें कि रिमोट उसके हाथ में है। यही तो हमारी गुलामी है। आजादी उसे कहते हैं कि रिमोट आपके हाथ में हो। किसी की ताकत नहीं कि आपको गुस्सा दिला सके या आपको ललचा सके| Indiaका Independence day भले १५thAugust को आता है, परन्तु आपका Independence day तब आएगा, जब आपका सुख किसी वस्तु, व्यक्ति या घटना के अधीन न होगा, बल्कि आपके अधीन होगा। __घन्टों तक लगातार बोलकर आखिर Wife थक गई। पैर पटकती हुई ऊपर चली गई। सोक्रेटिस को लगा कि चलो एक एपीसोड पूरा हुआ। बाहर आकर शान्ति से बरामदे में बैठ गया। Wife ऊपर तो गई, परन्तु अभी भी गुस्से के कारण उसका दिमाग फटा जा रहा था। ऊपर किचन था। जूठे बरतन धोकर उसका गंदा पानी एक तपेली में इकट्ठा किया था। Wife तपेली लेकर बाल्कनी में आई। देखा, नीचे सोक्रेटिस बैठा है। उसके माथे पर सारा पानी डाल दिया। कपड़े बिगड़े, सारा शरीर बिगड़ गया। परन्तु सोक्रेटिस धीमे-धीमे हँस रहा था। __My dears, हँसना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है। जीवन की किसी भी परिस्थिति में इस अधिकार का उपयोग करना या ना करना आपके हाथ में है। सोक्रेटिस को हँसते हुए देखकर पड़ोसी ने पूछा, “Why are you laughing?" आपकी पत्नी आपको इतना परेशान करती है, और आप हँस रहे हैं? Why? __ सोक्रेटिस कहता है, "Everything is in order." पड़ोसी कहता है, "मुझे तो कुछ भी Order में नहीं लगता है।" सोक्रेटिस कहता है, "आपने कभी बादल देखा है? बादल क्या करता है?" पड़ोसी कहता है, "बादल तो गरजते हैं" सोक्रेटिस कहता है, "ठीक, फिर?" पड़ोसी कहता है, "फिर बरसते हैं।" सोक्रेटिस मुस्कुराते हुए कहता है, “Very good तो यह Wife इतना गरजी है, फिर बरसेगी तो सही ना?" Everything is in Order. Please make this your life-slogan. This is Art of living. Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD B for Bless Bless means शुभकामना... सकल विश्व का शुभमंगल हो, ऐसी भावना नित्य रहे... Modern Science विचारशक्ति के ऊपर बहुत रिसर्च कर रहा है। जापान में ऐसी साईकल बनी है कि जैसा आप विचारें, उसी प्रकार टर्न लेती है। Modern Science कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति की एक विशिष्ट Aura (आभामंडल) होती है। जो व्यक्ति हमेशा सबके लिए अच्छा विचार करता है, उसकी Aura अच्छी, लयबद्ध और सुव्यवस्थित होती है। उसके शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है। उसका मन सहज ही प्रसन्न रहता है। उसकी एकाग्रता और स्मरणशक्ति बढ़ती है। इसके विपरीत जो व्यक्ति सबके लिए नकारात्मक विचार करता है, सबका खराब चाहता है, उसका शरीर कमजोर बनता है। वह सरलता से रोगों का शिकार बनता है। उसकी एकाग्रता और स्मरणशक्ति कमजोर होती है। रशियन वैज्ञानिक कामिनियेव और अमेरिकन वैज्ञानिक रु डॉल्फ कीर ने प्रयोग करके यह प्रमाणित कर दिया है कि शुभ भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति यदि बीज में पानी का सिंचन करे तो शीघ्र अंकुर फूटता है। उसमें अधिक मात्रा में फूल और फल आते हैं और अन्य पौधों की अपेक्षा वह पौधा अधिक स्वस्थ रहता है। पन्द्रह वर्षों तक उसने ऐसे परीक्षण करके यह निष्कर्ष निकाला कि भावनाओं और विचारों के द्वारा पानी में कोई ऐसा तत्त्व डाला जा सकता है, जिसके विशिष्ट परिणाम प्राप्त होते हैं। __ जिसप्रकार पानी में परिवर्तन किया जा सकता है, उसी प्रकार हमारे तन, मन और आत्मा में भी ऐसा परिवर्तन किया जा सकता है, शुभ भावनाओं से परिपूर्ण हमारा मन हमारे चारों ओर फैले हुए आकाश में एक गुणात्मक परिवर्तन ला देता है, जिसका प्रभाव हमारे पास आनेवाले व्यक्ति के ऊपर पड़ता है। ___ रशियन वैज्ञानिक किरिलियान ने हाई फ्रिक्वेन्सी फोटोग्राफी का विकास किया, जिसके द्वारा Aura का- शरीर से निकलनेवाली तरंगों का फोटो खींचा जा सकता है। इस फोटोग्राफी ने यह प्रमाणित कर दिया है कि मन के विचारों के अनुसार लयबद्ध अथवा विक्षिप्त आभामंडल बनता है। ___My dears! Always think good for others. जिस बात को मोडर्न साईन्टिस्ट काफी रिसर्च करने के बाद कहने का प्रयास कर रहे हैं. उस बात को हमारी संस्कृति लाखों वर्ष पहले ही कह चुकी है। Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD शिवमस्तु सर्वजगतः - समस्त विश्व का कल्याण हो। सुहिणो भवंतु जीवा - सभी जीव सुखी हों। Each action has reaction. जो सबका भला चाहता है, उसका स्वयं का भला होता है। आप क्लासरूम में जाते हैं, आपकी बगल में कोई बैठा है, आप विचार करें कि उसका भला हो, टीचर एन्टर हुआ, आप विचारें कि उसका भला हो, दुकानदार आपको कोई वस्तु दे रहा है, विचारें कि उसका भला हो, मम्मी आपको खाना खिला रही है, आप विचारें कि उसका भला हो। My Dears, This is the secret of the bliss. B for Bless. C for Care Care means ध्यान रखना। I Know आप स्वयं का बहुत ध्यान रखते हैं। बहुत से स्टूडेन्ट्स ऐसे भी हैं कि उनके सर में दर्द हो तो सारे घर का माथा दुखा देते हैं। यहाँ बात है दूसरे का ध्यान रखने की। Always think for others. Exam का Tension आपको बहुत होता है। परन्तु वास्तव में Exam 4/6 दिन नहीं होती, बल्कि हर रोज होती है। रिसेस का बेल बजता है, आप अपना Lunch box खोलते हैं। आपको विचार आता है कि आपकी बगल में बैठा हुआ लड़का Lunch box लाना भूल गया है। आप अपना नाश्ता अकेले भी खा सकते हैं, और उसके साथ Share भी कर सकते हैं। यह भी एक प्रकार का Exam है। Sunday को आप Ground पर Cricket खेलने जा रहे हैं। कोई अन्धा व्यक्ति रास्ता क्रॉस करना चाहता है। आप Cricket ground की तरफ आगे भी बढ़ सकते हैं और उसे रोड क्रॉस भी करा सकते हैं। This is also a type of Exam. आपके Birthday पर आपके पापा ने आपको ५०० Rs. खर्च करने दिए हैं, आप उन रुपयों से किसी होटल, लारी या दुकान से अपनी पसन्द की वस्तु भी खरीद सकते हैं और उन रुपयों से किसी गरीब की help भी कर सकते हैं। This is also a type of Exam. Homework हो जाने के बाद आपके पास एक घन्टा बचा है। आप वह समय TV देखने में waste भी कर सकते हैं और उस समय में घर में Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8 ABCD या पड़ोस में किसी का काम भी कर सकते हैं। This is also a type of Exam. Life-exam. My dears, जितना efforts आप School-exam के लिए करते हैं, उससे भी अधिक effort life exam के लिए करें। This is C for Care. आज Marketing का जमाना है। टी.वी. में न्युज पेपर्स में, रास्ते पर, फोन पर सब जगह आपको अनेक प्रकार के Adds देखने को मिलेंगे। आपने Light वाले shoes की adds देखी। पापा बेचारे थके-मांदे घर आए और आपने demand कर दी। जिद पकड़ ली - "मुझे light वाला shoes चाहिए ही । " पापा आपको समझाते हैं –”बेटा ! तेरे पास ३ pairs shoes हैं, २ pairs चप्पल हैं, १ pairs स्लीपर्स हैं, तो फिर तुम्हें नए shoes क्यों चाहिए ...." “ना पापा, मुझे light वाला shoes चाहिए... चाहिए... चाहिए...” My dears! कल तक शायद आप ऐसी जिद करते थे, परन्तु अब आप ऐसी जिद कभी ना करें। आपके पास शायद light वाला shoes नहीं है, shoes तो है ना? दुनिया में करोड़ो लड़के ऐसे हैं, जिनके पास चप्पल या स्लीपर भी नहीं है। वे नंगे पाँव घूमते हैं। और दुनिया में लाखों लड़के ऐसे हैं, जिनके पास पैर ही नहीं हैं। या किसी road-accident या factory accident में उनके पैर कट गए हैं या पोलियो के कारण उनके पाँव बेकार हो गए हैं। सारी जिन्दगी वे अपनी इच्छा से एक कदम नहीं चल सकते हैं। क्रिकेट का एक भी रन नहीं बना सकते हैं | My dears, कभी यह न विचारें कि आपको क्या नहीं मिला है? Always think -आपको ऐसा कितना कुछ मिला है, जो लाखों - करोड़ों को नहीं मिला है। Do you know? दुनिया में हर रोज १२५ करोड़ लोग भूखे सो जाते हैं। जिनमें ४२ करोड़ लोग भारत के हैं। अपने शौक - मौज के लिए पैसे उड़ाने से पहले क्या आपको वे लोग याद नहीं आने चाहिए? जब आपकी मम्मी आपसे कहती है - “चलो बेटा! तुझे नए ड्रेस दिलाने के लिए मार्केट जाते हैं।" तो आप अपनी मम्मी से कहना, “मम्मी! मेरे पास २० ड्रेस तो हैं। मुझे नए ड्रेस का क्या काम है? मम्मी, तू मुझे poor area में ले चल। मुझे अपने पाँच एक्स्ट्रा ड्रेस - एक्स्ट्रा फुट-वेयर डोनेट करने हैं।” This is C for Care. Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD त्योहार के दिनों में जब सभी लोग मिठाईयाँ खा रहे होते हैं, तब गरीब घर के लड़के अपनी मम्मी से जिद करते हैं- “मम्मी, मुझे भी मिठाई खानी है।" मम्मी उसे प्रेम से कहती है.... “बेटा, तुम्हें अवश्य मिठाई दूँगी...." बालक खाना खाने बैठता है तो मम्मी खाना परोसती है, तब बालक जिद पकड़ लेता है- "नहीं, मम्मी! मुझे रोटी नहीं चाहिए, मुझे मिठाई चाहिए ।" "बेटा, आज रोटी खा ले, कल मिठाई खा लेना।" "नहीं, मुझे आज ही मिठाई चाहिए ।" "बेटा, मिठाई घर में नहीं है, तो तुझे कहाँ से लाकर दूँ?” “नहीं, मुझे मिठाई...” और, लड़का थाली को लात मार देता है... उसकी मम्मी झोपड़ी के कोने में जाकर साड़ी के पल्लू से मुँह ढँककर रोने लगती है... उसके मन में विचारों का बवंडर चलने लगता है... “बेटा, मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ? हम इतने अमीर नहीं हैं कि हम मिठाई खा सकें, इस घर में तो रोटी भी कैसे आती है, यह मेरा मन जानता है...” उधर बालक रोता है, और इधर उसकी मम्मी रोती है। सामने खाट पर बैठे हुए उसके पापा का गला भर आता है... My dears, हम तो बहुत सारी मिठाईयाँ और तरह-तरह के पकवान खाते हैं, अब आपके हाथ में जब भी मिठाई आए, तब एक टुकड़ा लेकर ऐसी झोपड़ी में जाना, और मिठाई के लिए रोते हुए किसी बच्चे के मुँह में वह टुकड़ा रखना। उस वक्त उसके चेहरे पर जो smile आएगा, वह देखकर आपको जो आनन्द होगा... You will say - ऐसा आनन्द तो जीवन में कभी नहीं मिला। Remember, हम जो खाते हैं, उसका स्वाद तो दो - पाँच मिनट ही रहता है, परन्तु जब हम खिलाते हैं, तो उसका स्वाद जीवनपर्यन्त रहता है। जो आनन्द दूसरों को खिलाने में है, वह आनन्द स्वयं खाने में नहीं है, जो आनन्द दूसरों के आँसू पोंछने मे है, वह मजा स्वयं हँसने में नहीं है, जो मजा दूसरों को बाँटने में है, वह मजा इकट्ठा करने में नहीं है। सुख मिले तो उसे बाँटना सीखें, दुःख आए तो उसे अकेले सहन करना सीखें। अपने सुख की महफिल में सबको बुलाना परन्तु अपने अश्रुओं का ताल अकेले ही खाना। मिल-बाँटकर खाने का नाम संस्कृति है। संग्रह करके खाने का नाम विकृति है। Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10 Always remember this fact. C for Care ABCD D for Discipline Discipline means First is home Discipline. I know, यहाँ कुछ स्टुडेन्ट्स ऐसे हैं, जो मम्मी-पापा के सामने बोलते हैं। कुछ ऐसे हैं जो मम्मी-पापा की बात नहीं मानते हैं। कुछ ऐसे हैं, जो मम्मी-पापा को परेशान करते हैं। Am I right? आप एक बात समझ लेना कि जो मम्मी-पापा को दुःख देता है, वह जीवन में किसी भी प्रकार का सुख प्राप्त करने के योग्य नहीं रहता। आज आप थोड़े बड़े हुए हैं। परन्तु पहले आप छोटे थे। winter का season था। मम्मी की बगल में आप सोए थे। रात के डेढ बजे मम्मी की आँखें खुल गईं। मम्मी के मन में विचार आया कि मेरा बेटा बहुत छोटा है। इसे पता नहीं चलता, इसने सोते-सोते पेशाब कर दी है। ठंड में वह गीले कपड़े में सोएगा तो बीमार पड़ जाएगा। लेकिन घर में दूसरा bed तो है नहीं। Do you know, मम्मी ने क्या किया? मम्मी ने आपको उठाकर अपनी side में सूखे बिस्तर पर आपको सुला दिया और स्वयं गीले में सो गई। can you understand? यह मम्मी का आपके ऊपर कितना बड़ा उपकार है? घर में जब पूरा पैसा नहीं आता था, पूरी रसोई नहीं बनती थी, तब मम्मी स्वयं भूखी रहती थी और आपको भर पेट खिलाती थी। कभी किसी विवाह आदि प्रसंग में जब आप मम्मी की गोद में बैठे थे, तब आपने मम्मी की साड़ी बिगाड़ दी थी, प्रसंग बिगाड़ दिया था, फिर भी मम्मी ने अपना मुँह नहीं बिगाड़ा था। आप वह दिन याद करें, जब एक ओर चूल्हे पर रखी मम्मी की चाय खौल रही थी और दूसरी ओर आप चिल्ला रहे थे. आप वह दिन याद करें, जब आपके पापा आपकी साईकिल की केरियर पकड़कर आपके पीछे-पीछे दौड़ रहे थे। आप वह दिन याद करें, जब आपकी खुशी के लिए आपके मम्मी-पापा ने अपनी जमा-पूँजी खर्च कर दी थी। My dears! हमें कोई सतत् नौ घन्टे के लिए वजन उठाए रखने को कहे तो क्या हम ऐसा कर सकते हैं? मम्मी ने सतत् नौ महीने तक अपने पेट में आपका भार उठाया है। मम्मी ने मौत जैसी पीड़ा को सहनकर आपको जन्म दिया है। आपके बचपन का मात्र एक वर्ष यदि शूटिंग करके रखा हो, तो हम उस Video film को देखकर Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD सिसक-सिसक कर रोने लगेंगे। इतना बड़ा त्याग मम्मी-पापा ने हमारे लिए किया है। हम अपनी होशियारी से इतने बड़े नहीं हो गए हैं, बल्कि हम अपने मम्मी-पापा के उपकारों के कारण यहाँ तक पहुंचे हैं। अब हमें क्या करना है? हमारा फर्ज क्या है?रोज सुबह उन्हें प्रणाम करना। जहाँ तक सम्भव हो सके, हमें उनकी सेवा करनी है। पापा थके मांदे घर वापस आएँ तो उनके shoes उतारें, उन्हें पानी दें, वे लेट जाएँ तो उनके पैर दबाएँ। घर के काम में मम्मी की मदद करें, हम सोफा पर बैठे-बैठे टी.वी. देखते रहें और मम्मी कचरा फेंकने नीचे जाए, तो यह हमारे लिए शरम की बात है। मम्मी से कह दें... "तुम मुझे कोई न कोई काम बतलाती रहो... नहीं तो मैं खाना नहीं खाऊगा...” । हमारी लाचारी की स्थिति में हमारे मम्मी-पापा ने हमें सम्भाला था, उनकी लाचारी की स्थिति में हमें उन्हें सम्भालना है। हमें यह संकल्प करना चाहिए कि, "मैंने जब पहली सांस ली थी, तब मेरे मम्मी-पापा मेरे पास थे, मैं उनकी आखिरी साँस तक उनके पास रहूँगा।” ___ आज घर जाकर सबसे पहला काम - मम्मी-पापा के पैर छूना, रोती हुई आँखों से उनसे माफी मागना। Sorry मम्मी! Sorry पापा! मैंने आज तक आपको बहुत परेशान किया। मैंने मात्र अपने बारे में ही विचार किया है, आपके बारे में कभी भी विचार नहीं किया। मैंने कितनी जिद की है, Demands किया है। कितनी बार आपके सामने गुस्सा किया है। I am very sorry. पर अब मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा। अब से आप जो भी कहेंगे, वह करूंगा। I promise you. आज आप अपने दिल में एक बात लिखकर रख लें, 'मम्मी-पापा मेरे घर के भगवान हैं।' आप जो भी करें, वह इस बात को याद करके करें। Yes, this is home Discipline. 2nd is School Discipline. जिस प्रकार मम्मी-पापा घर के भगवान हैं, इसी प्रकार यहाँ आपको पढ़ानेवाले आपके प्रिन्सीपल्स, टीचर्स – ये आपके स्कूल के भगवान हैं। I Know, बहुत से स्टूडेन्ट्स टीचर्स की मश्करी करते हैं, उनकी Acting करके सबको हँसाते हैं, उनकी निन्दा करते हैं, उनकी बात नहीं मानते हैं... सही बात है ना? My dears! That's bad manner. Why do you come to Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 12 ABCD the School? To learn? Well, then respect your teachers. That's the secret of well learning. ज्ञानप्राप्ति का रहस्य यही है - गुरु के प्रति सम्मान। ___आप Teachers की मश्करी करेंगे, उनकी बात नहीं मानेंगे, तो इसका नुकशान Teachers को नहीं होगा, बल्कि आपको होगा। इससे आपका मन चंचन बनेगा। Memory power - स्मरणशक्ति कमजोर होगी। याद किया होगा तो exam के समय भूल जाएंगे। जीवन में आगे नहीं बढ़ सकेंगे। Teachers हमारे लिए कितना सहन करते हैं! घर में रसोई बनाकर On time यहाँ touch हो जाते हैं। खड़े-खड़े गला फाड़कर हमें पढ़ाते हैं, हमारे प्रश्नों के उत्तर देते हैं। उनके इन उपकारों के सामने क्या हमारी कोई feelings ही नहीं है? ऊपर से बातें करके हम उनके काम को tuff बनाए? My dears! I ask you one question. Have you listened the name of Sachin Tendulkar? O.K. why? You can say - वह एक क्रिकेटर था। You can say - वह एक अच्छा क्रिकेटर और कैप्टन था। You can say - उसने सेन्चुरी बनाई थी। You can say - उसने डबल सेन्चुरी बनाई थी। You can say - उसे वर्ल्ड कप मिला था। right है? O.K. ____ I say आपके सारे जवाब अधूरे हैं। I tell you - Why do you know him? सचिन बहुत छोटा था। मुम्बई-विक्रोली में रहता था। एक ground में वह क्रिकेट सीखने जाता था, उसके कोच थे रमाकान्त आयरेकर। एक दिन उन्होंने सचिन से कहा, "सचिन, आज मुझे बाहर जाना है। आज मैं तेरे साथ नहीं रह सकता। तू Juniors के साथ खेलना।" सचिन ने कहा, "ठीक है, सर!" रमाकान्तजी चले गए। सचिन Juniors के साथ खेलने की जगह seniors की मैच देखने बैठ गया। चार घन्टे के बाद कोच आया, सचिन को बुलाया और पूछा, बोल कितना रन किया? सचिन थोड़ा डरते डरते बोला, "मैंने खेला नहीं, मैं seniors की Match देख रहा था। वे चौका-छक्का लगाते थे और मैं तालियाँ बजाता था।" रमाकान्तजी ने सचिन को एक जोरदार तमाचा जड़ दिया। सचिन छोटा था, दुबला-पतला था। वह Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 13 ABCD नीचे गिर पड़ा। उसके हाथ में नाश्ता का डब्बा था। डब्बा गिरकर खुल गया। नाश्ता बिखड़ गया। एक ओर सचिन की आंखों में आंसू थे और दूसरी ओर रमाकान्तजी की आँखों में भी आंसू थे। उन्होंने सचिन से कहा, "सचिन, कोई खेले और तू ताली बजाए, इसलिए मैं तेरे लिए इतनी मेहनत नहीं करता हूँ, बल्कि तू खेले और दुनिया ताली बजाए, इसलिए मैं मेहनत करता हूँ।” My dears, सचिन को आप इसलिए जानते हैं, कि अपने गुरु के प्रति उसके मन में आदर था। सचिन यदि गुस्सा हो गया होता... जाईए, आप कौन होते हैं मुझे डांटनेवाले, मुझे मारनेवाले, लो यह बैट... आपका क्रिकेट आपको मुबारक... मुझे नहीं सीखना क्रिकेट विकेट। तो आज आप सचिन को नहीं पहचान रहे होते। सचिन को आप इसलिए जानते हैं, कि अपने गुरु के प्रति उसके मन में आदर था। सिकन्दर को आप इसलिए जानते हैं, कि अपने गुरु एरिस्टोटल के प्रति उसके मन में आदर था। छत्रपति शिवाजी महाराज को आप इसलिए जानते हैं, कारण कि अपने गुरु रामदास के प्रति उनके मन में आदर था। नरेन्द्रभाई मोदी को आप इसलिए जानते हैं, कारण कि उनके गुरु के. सुदर्शन के प्रति उनके मन में आदर है। आनेवाली दुनिया आपको जाने, इसके लिए पहली शर्त यह है कि अपने गुरु के प्रति आपके मन में आदर के भाव हों। न विना गुरुसम्बन्धं ज्ञानस्याधिगमः स्मृतः गुरु ही ज्ञान का प्रवेशद्वार है। जो स्टूडेन्ट्स गुरु के प्रति अपने मन में सम्मान के भाव नहीं रखते हैं, उनके भारी स्कूल-बैग एक बोझ बनकर रह जाता है। उन्होंने अपने माँ-बाप के पसीने की कमाई को waste किया है। ___My dears, always respect your teachers. जब वे वर्ग में आते हैं, तब हाथ जोड़कर नमस्ते कहते हुए उठकर खड़े हो जाए। Teachers आपको स्कूल के बरामदे में, केम्पस में, सड़क पर या मार्केट में जहाँ कहीं भी मिलें, उन्हें हाथ जोड़कर नमस्ते कहें। I ask you शर्म आती है? यदि शर्म आती हो तो इस बात पर हमें शर्म आनी चाहिए? We should be proud of our teach ers. कभी भी Teachers की निन्दा नहीं करनी चाहिए और न सुननी चाहिए। हमारी संस्कृति कहती है - Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD गुरोर्यत्र परिवादो, निन्दा चापि प्रवर्तते । कर्णौ तत्र पिधातव्यौ, गन्तव्यं च ततान्यतः ॥ जहाँ हमारे गुरु के विषय में अपशब्द बोले जाते हों, उनकी निन्दा होती हो, वहाँ अपने कान बन्द कर लेने चाहिए और वहाँ से अन्यत्र चले जाना चाहिए। प्रत्येक गुरु पूर्णिमा के दिन हमसे जितना सम्भव हो सके, छोटी सी भेंट भी गुरु को देनी चाहिए। मात्र आप यहाँ पढ़ते हैं, इसीलिए नहीं, जब आप बड़े हो जाएँ, तब भी। चाहे आप दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे हों, आपके गुरु आपको याद आने चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन उन्हें कोई भेट देना अवश्य याद रहनी चाहिए। आपके गुरु ६० वर्ष के हों, ७०/७५/८० वर्ष के हों, तब भी वे कहाँ हैं? किस प्रकार जी रहे हैं? उन्हें कोई तकलीफ तो नहीं है ना? इस बात का आपको ध्यान रहना चाहिए। जीवन में आप कितना भी विकास कर लें, आपके शिक्षक और आपका विद्यालय आपको हमेशा याद रहना चाहिए। ___My dears. एक दिन ऐसा आएगा, जब इस स्कूल में आपका आखिरी दिन होगा। Send off day. उस दिन, जब आप इस स्कूल से विदा लें, तब यहाँ की थोड़ी सी धूल लेते जाना। घर में किसी पवित्र जगह में इसे रखना और प्रतिदिन इसके दर्शन करना। याद करना कि यह मेरी मातृसंस्था है। हमारी संस्कृति में जो महत्त्व माता का है, वही महत्त्व मातृभाषा का है, वही महत्त्व मातृभूमि का है और वही महत्त्व मातृसंस्था का है। बड़े होने के बाद आपको अपनी कमाई में से मातृसंस्था के लिए भी भाग रखना चाहिए, यहाँ आनेवाले विद्यार्थी अच्छे संस्कार प्राप्त करें, इसके लिए प्रयास करना चाहिए। 3rd discipline is Social discipline. समाज में हमें एक विशिष्ट अनुशासन के साथ रहना पड़ता है, जिसे आप शिष्टता, सज्जनता या मानवता कह सकते हैं। समाज ने हमारे विकास के लिए, हमारी सुरक्षा के लिए, हमारे स्वास्थ्य के लिए, हमारी शिक्षा के लिए बहुत सारे त्याग किए हैं। जंगल में कोई समाज नहीं होता है, तो वहाँ कोई सभ्यता भी नहीं होती है। जो समाज हमें डॉक्टर, वकील, सी.ए. आदि डिग्री तक पहुचाता है, वह डिग्री प्राप्त कर उस समाज को ठगना, गलत तरीके से उसके पैसे ठगना, यह कार्य कितना खराब है! My dears, हमारा एक दृढ़संकल्प होना चाहिए, कि मैं बड़ा होकर जो भी Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ABCD 15 काम करूँगा, वह सेवा भाव से करूँगा। रोगी को मैं अपना बेटा समझँगा । ग्राहक को मैं अपना स्वजन समझँगा और उसके साथ अपने भाई जैसा व्यवहार करूँगा। पैसे कम मिलेंगे तो कोई बात नहीं, लेकिन पैसे के लिए मैं कभी अपना ईमान नहीं बेचूँगा। जो काम इस देश की जनता के हित में नहीं होगा, वह काम मैं कभी नहीं करूँगा। एक Zoo था। प्राणीबाग। उसमें एक चिम्पांजी भी था। उसके पिंजरे के पास बहुत भीड़ लगती थी। लड़कों को तो उसमें बहुत मजा आता था। एक दिन वह चिम्पांजी Off हो गया। पिंजरा खाली हो गया। लोग उसके बारे में पूछताछ करने लगे। Zoo वाले ने बहुत तलाश की परन्तु दूसरा चिम्पांजी नहीं मिला। वे टेन्शन में आ गए। अब करें तो क्या करें? दर्शक कम हो जाएँगे तो Zoo बंद कर देना पड़ेगा। कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी। उसी समय एक युवक उनके पास आया, “मुझे नौकरी चाहिए। एकाउन्टिंग आदि कर सकता हूँ।” मैनेजर ने कहा, "हमें जरूरत नहीं है । " युवक ने कहा, “प्लीज़, दूसरा कोई भी काम दे दीजिए, प्युन का काम, साफ-सफाई का काम, कोई भी काम दीजिए, मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है। " मैनेजर के मन में एक विचार आया। उसने कहा, "देखो, हमारे यहाँ वैसे तो कोई काम नहीं है, परन्तु हमारा चिम्पांजी Off हो गया है। हम तुम्हें Same वैसा ही Costume देंगे, जिसे पहनकर तू Exact चिम्पांजी ही लगोगे। Zoo time में तुम्हें Costume पहनकर पिंजरे में रहना पड़ेगा, उछल-कूद करना पड़ेगा, पेड़ पर झूलना पड़ेगा, लोग तुम्हें बिस्कुट आदि देंगे, वह तुम्हें खाना पड़ेगा और Time पूरा होगा तो तुम Costume बदलकर घर चले जाना। बोलो, यह काम करना है?" युवक को तो चक्कर आ गया। "मुझे बन्दर बनना पड़ेगा? बन्दर के खेल करने पड़ेंगे?” परन्तु उसे पैसे की बहुत जरूरत थी। उसने कहा, "हाँ, मुझे मंजूर है।" दूसरे दिन से उसकी duty शुरु हो गई । हर रोज कितनी बड़ी Audience मिलती थी, कितना कुछ खाने को मिलता था। वह उछल-कूद करके सबको हँसाता था, उसे तो मजा आ गया। एक बार उसके पिंजरे के पास कोई नहीं था, फिर भी वह उछल-कूद कर रहा था। वह जरा जोर से उछल पड़ा। उछलकर वह सीधा बगल वाले पिंजरे में जा गिरा। उस पिंजरे में सिंह था। वह युवक घबड़ा गया.... "मर गया.... अभी सिंह झपट्टा मारेगा और उसे फाड़कर खा जाएगा।" वह चिल्ला उठा, “बचाओ...बचाओ..." तभी सिंह ने जोर से दहाड़ मारी । दहाड़ सुनकर युवक का शरीर कांपने लगा। खेल Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 16 ABCD खतम... "बचाओ..." तभी सिंह ने जोर से छलांग लगाई। युवक को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था... अब तो उसके गले से आवाज भी नहीं निकल रही थी। बहुत हिम्मत करके वह कुछ बोलना चाहता था, तभी सिंह का पंजा सीधा उसके मुंह पर आ पड़ा। सिंह उसके कान के पास आया और धीरे से बोला, "आवाज़ मत कर, वरना दोनों की नौकरी जाएगी।” युवक समझ गया कि, मैं जैसा चिम्पांजी हूँ, वैसा ही यह सिंह है। "आओ भाई, हमदोनों एक समान हैं।" तेरा भला हो, पहले कहना चाहिए था ना, बेकार में इतना डरा दिया। Zootime पूरा हुआ। युवक को लगा कि एक बार Zoo का research करना चाहिए। उसने प्रत्येक पिंजरे का निरीक्षण किया। बाघ के पिंजरे में बाघ का Costume पडा था, चीते के पिंजरे में चीते का Costume पड़ा था, रीछ के पिंजरे में रीछ का Costume पड़ा था। युवक को सारा idea समझ में आ गया। ___My dears, वे सभी बाहर से जानवर थे, परन्तु अन्दर से मनुष्य थे। हम सभी बाहर से मनुष्य हैं, परन्तु अन्दर से क्या हैं? ___ यदि हमें दूसरों को लूट लेने का मन करे, दूसरे को ठगने में मजा आता हो, तो समझना कि हम अन्दर से बन्दर हैं। यदि हमें गुस्सा बहुत आता हो, तो समझना कि हम अन्दर से साँप हैं, यदि हम छल-कपट करते हैं, तो समझना कि अन्दर से हम सियार हैं। यदि हम लड़ाई-झगड़ा और गाली-गलौज करते हों, तो समझना कि हम कुत्ते हैं। ____My dears, Who are we? हम मनुष्य हैं, प्रेम, करुणा, सेवाभाव, परोपकार, शान्ति, शिष्टाचार, सभ्यता ये सभी हमारे सद्गुण हैं। हमारे पास जो भी आए, वह शान्ति प्राप्त करे, यही हमारी मानवता का लक्षण है। My dears, This is social discipline. This is the path of the pleasure. Please always remember this ABCD. Be happy in your life. Wish you all the best.