Book Title: Sanghpattak
Author(s): Jinvallabhsuri
Publisher: Jethalal Dalsukh Shravak

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Page 3
________________ F नवांगी वृत्तिकार श्री अभयदेवसरिना शिष्य महाकवि श्री जिनवल्लभसूरि विरचित - संघपट्टक नामनो चाळीश काव्यनो अत्युत्तम शिक्षामय ग्रंथ. 'षष्ठिशतकग्रंथना कर्ता श्रीनेमिचंजनांमागारिकना गुरु महानेयायिक श्रीजिनपतिसूरिए रचेली त्रण हजार श्लोक प्रमाणनी उहत् टीका. चैत्यवासिर्जना शिथिलाचार- पूरेपूरं खमन करीने विधिमार्गनी, युक्तिपूर्वक संपूर्ण पुष्टि करेली ने. श्रा बन्ने ग्रंथोना मूळपाठ तथा तेनी साथे तेनं गुजराती-लाषांतर उपावी प्रसिद्धका श्रावक जेठालाल दलसुख. अमदावाद-श्री जैन प्रिंटिंग प्रेस. वि. सं. १ए६३-सने १ए०७. कीमत रु. ३-4-0 पोष्टेज जुई,

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