Book Title: Sandesha Rasaka
Author(s): Abdul Rahman, Jinvijay, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
View full book text
________________
सन्देशरासक - शब्दकोष
अद्धावय १९५ अर्धावर्त (अर्धोत्कलित ) | अवत्थ १०५ अवस्था
अंग २५
अंगभंग १०५ अंगव्यथा
[अं] गुटु ४१ अंगुष्ठ ( गु. अंगुठो ) अंगुल १८९
[अं] गुलि ६६ ( गु. भाँगळी ) अंचल ९८ ( गु. चळी) [अं] जुलि १३० अंजलि
अंत २२३
अवसु १९९ अवशम् = अवश्यम् अवहार = अव + धारयू, अवहारि ३० अस १५८ (?) असु; भाशा असंचर १४५
असमत्थ ८० असमर्थ
अंतर १४२ अंतराल, ६४ दैर्घ्य, ९४ अभ्यंतर असहंतिय १३१ असती [अं] तरिय १९३ अंतरित असुह १३९ असुख [अं]धार १३९ अंधकार ( गु. अंधार, असेस १९२ अशेष अंधाएँ )
अन्न १८९, ४६ अन्य अनय ६४ अन्य
अन्नइ ११७ [ अन्यत् + चित् ? ]
( गु. अने )
V अप्प = अर्पू ( गु. आप ) अप्पियइ १२४
अप्प ९५ आत्मन् अबुह २१ अबुध
अवहत्तण २१ [ 'तणस्वन] अबुधत्व अभितर १९४ अभ्यन्तर
अमंगल १०९
अमल १७३
अमिय २३ अमृत अमियमयूह १३७ अमृतमयूख = चन्द्र अंबर १४८ = गगन, १०१ = वस्त्र
अंबुहर १३९ अंबुधर
अम्हारिय १०५ = अस्मदीय
अरमणीय १५७, = करपत्रम् अरविय १३७ अरविंद
अरु २५ च = अथ च ( हिं० अरु )
अन्यच्च
अलिय १३८ अलिक अलिक २११ मलिक
अवर ९६ अपर अवलोइय १८४ भवलोकित अवलोयण ९४ अवलोकन
Jain Education International
असेविय' १९३ असे नित असोय २११ अशोक अह ५४, १३५ अथ अहर° ५१ अधर अहव १८३ अथवा अहवा ९१ अहिणवियअइ ४४ ( ° वियइ ) अभिनूयते अहि° १३५ अधि
39
अहिय ६७ अधिक
आ
'आइ २२३ आदि
33
आइ १९१ द्र० - आयय आइयय ४१ आयय आइन्निहि ४५ द्र० आयण्णहि [आ] उन्निय २२२ आपूर्णित (यथा
'अरुण ५० = अरुणख, 'अलंकरण १८७
आइयय ४१ = आययय आइ १९१ = आय; आयय
अलय ८७ भलक
अलहंत १८ अलभत् - भलहंतय ४९, अल- आयण्ण ('न्न) = आ + कर्ण हंतिय १४७
° [आ] उल १४६ भाकुल = व्याप्त
[आ] उलिय ९४ भकुलित = व्याकुलित 'आह' १०५ आयुध 'आएसियय ६५ आदेशित = आदिष्ट आयय ६७ आगत (हिं. आया )
दुखाउन)
आपणहि ८५, भायन्निहि ११८,
आयन्नि ३०,९८ 'आयर १८६ आदर
For Private & Personal Use Only
९५
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282