Book Title: Sandesha Rasaka
Author(s): Abdul Rahman, Jinvijay, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 256
________________ ९९ सन्देशरासक-शब्दकोष कावालिय ८६ कापालिक | केलीहर १९४ कदलीगृह कावालिणि ८६ कापालिनी 1 °कोअण ४७ कौकुच द्र० कोयणि काहल°४५ काहला कोयंड ५२ कोदंड कि ७७ (किं) किम् कोइल १४८ कोकिल किंकिणि २६ °णी कोऊहल १९ कौतूहल किम ६९ (किव) कथम् (गु. केम) कोऊहलिय ३० कौतूहलित किम्मइ १२८ किम+इ (<वि < कोलिय° १९ कौलिक = तंतुवाय अपि) (गु. केमे) कोसिल्ल १८६ कौशल्य किरण° १४१ ख किरि ९९ किल खयहि १३७ खयह (?), अपयति किसण १४८ कृष्ण खजोय १६५ खद्योत 'किसलय° २०५ खट्टंग ८६ (?)खट्वाङ्ग = पल्यपाद; योग्यु. किहु ९६ (=किहु = किं खलु) किमपि पकरण कीर २१७ खण १९ क्षण कुकवित्त २१ कुकवित्व खंभाइत्त ६५ स्तम्भतीर्थ (गु. खंभात) कुट्ट १७३ प्रहार खर १४२ कुडिल° १७७ कुटिल Vखल-स्खल, खलहि ५४, खलिय ८७ कुंडवाल° १७५ वर्तुल (गु. कुंडाहुँ) खल १८४ (गु. खळ) कुंड-कुंडलिय-कुंडवालः [यथा चक- खाम ११८ क्षाम चालिय-चकवाल; पेंड-पेंडलिय-पेंडवाल, खामोयरिय ११८ क्षामोदरी सुख-सुद्धवाल] खार° १३७ क्षार (गु. खार) कुण्डलिय ४९ कुण्डलित = कुण्डलाकार Vखिज्ज=खिध, खिजउ १६५ कुंकुम ८७ (गु. कंकु) खिन्नि १५१ खिन्न कुंज° १६४ क्रौञ्च [ गु. कुंजड़ें] खिलंतय १७४ V खिल्ल =कीइ (गु. कुंजर' १३३ खेलढुं) कुंद-चउत्थि १९५ कुन्दचतुर्थी (चउ- Vखिव ()खिवह १३७,२१० (क्षिपति) स्थि-गु. चौथ) खिवंतिय १४०,१४१ द्योतन्ती कुंभ १०० | खित्त १३६, खित्तय १७८ क्षित Vकुण् = कृ, कुणइ १८३, कुणंति १४३ खिसिय २६ / खिस = सृप (गु. खसर्दू) Vकुणाकण (?) कुणाइ २१७ कुण खुव (खुवइ ८६ दूरीभवति (गु. खोदूं) कणति (१) कुर्वन्ति, कुणंती १५५ खेम १५१ खेद कुप्पास २८% कूर्पास, कझुक कुरंगि ९७ कुरंगी गय ५८, गइय १९१ गत कुवर २२२ कुप्यति गय २६,८७, १०५, १७१ गति कुसुम १०६ गयण १३९ गगन कुसुमसर १३७°शर गग्गिर २९ [ । गग्ग्+इर (1)] गद्गद कुहर ९२ Vगज = गर्जू (गु. गाजवू) गजति २२०, केलि १८० गजत २०८, गजिउ १४२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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