Book Title: Sandesha Rasaka
Author(s): Abdul Rahman, Jinvijay, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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उट्टिय १९२ उस्थित उड्डीय २५ १
उदीय १८२ (?) न आनम्यते
उन्नस्ता
उत्तरि ९७ उत्तट्ठिया ८३ उत्तंग २४ उत्तुंग
उत्तरायण ११२
उतावलय ९२ उत्सुक, (गु. उतावळु ) उत्तावलि २६
उद्धसिय ८७ (१) [ उद्ध्वस्त ? ] उद्धषित (?)
उन्नय° ४५ उन्नत
-सन्देश रासक - शब्दकोष
उन्नमित
उन्नमिथय १३३ उन्नवियय १४८ उन्हय १३२ उष्ण ( गु. ऊउँ ) उन्हत १०७ उष्णश्व; अग्नि उत्पत्ति ८९ उत्पत्ति ff ८७ फिक्क (गु. फीकुँ ) खिन्न [3]ब्भव १३७ उद्भव
'मुक्क २५ उन्मुक्त
उयारय १८८ कक्षा; उपवरक (गु. ओरडो)
[ उयरिया, ओयरिया ( राजस्थानी - भोवर) ओअर - अपवरक ]
उन्नय १४५ } [ उद्+रु+न]
अधिकं रुदितं ।
'उल° १४७ कुल
उल्लिहर ४१ [ उद् + लिख ] उल्लिखति V उल्हवू = वि + ध्मापय् (गु. होलवयूँ ) = विध्याति
उल्हवइ १३७, उदहविय १४९
उरुदाव-यरु ६७ [ √ उल्हव् +कर ] विध्मापक
उवर १३५ उदर = उरस [] १९८ उपरि
उवम १९९ उपमा
उवेज १३६ उद्वेग
उससंतिया ८३ उच्चसन्ती
उवाढयणि १९९ (?) गर्दभी
'उव्व २१९° पूर्व
उग्विन ६८ उद्विग्न, उठिवन्निय १६९, या ८५.
उसास ११८,१९२ सच्छ्रास
सं० १३
ओलवयूँ,
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ऊ
ऊसारिय १८६ उत्सारित
ए
एय २० एतद्
एग १८० एक
एम १९९ एवम् (गु. ऍम )
परिस २१७ ईश
एह ९१
एहु २०४
एषः, एषा
ओ
ओसास ९७ (१) उच्लास
ओस १८३ मोससिउ = [ अवश्याम-सितः ] उच्छ्रसित (गु. ओस )
[ओह ] १११ ओघ
य ( श्रुत्यात्मक )
य १०३, १७६,२२३ च
यण १९३ गण
'यण २१८ जन
यर १३७ [ कर ] किरण
यल ५५ तल
'यल ५१ दल
市
क १८ क ( प्रश्नार्थ सर्वनाम ) के ४५ केचित्
९७
को पुण ९४ कः पुनः ( गु. कवण )
कु-वि १४८ को पि
किं-पि ६८
किवि ९१ ( किं वि) कुइ ४२ कु.वि
का वि कापि (स्त्रि. ) को-इ ५२ कमपि - अवर्ण्यमित्यर्थः ।
कत्थि ९२ कृतार्था
कइय° १२२ कदा, कइय-लग्गि १२२ कदाप्रभृति ( द्र० कग्गि )
'कओल १८७ कपोल
कय (इ) वर ४४ कविवर कज २२३ कार्य कट्ट १८० कष्ट
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