Book Title: Sandesha Rasaka
Author(s): Abdul Rahman, Jinvijay, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

View full book text
Previous | Next

Page 274
________________ सन्देशरासक-शब्दकोष ११७ सिंधुभव ६६ [सिंधूद्भव ] चंद्र । सुरस १६२ सिव १०५ सर्व (१) सुरहि° १८४ सुरभि सिवण १५४ (सिविण) स्वप्न सुललिय १८३ सुललित सिसिर १९२ शिशिरर्तु सुवियक्खण ८२ सुविचक्षण सिसिरत्थ १३५ [शिशिरार्थ ] शैत्यार्थ सुविण ९४, १५१ स्वप्न सिहण २८, १३५ (सिहिण) स्तन सुसंत २५ (Vसुस = शुष ) शुष्यत् सिहंडि १४४ [शिखंडिन् ] मयूर सुह १३७ सुख सिहर ४९, १४३ शिखर सुह १३३, २०१ शुभ सिहरि १४४ [शिखरिन् ] पर्वत सुहय १००, १२४ सुभग सीउ २१० शीतम् सुहाइयइ १८९ सुखाप्यते सीयल १८६ शीतल (गु. शीळु) सूडिय १९२ निझटित, पातित (गु. सूडवू) सीयलंत २१० शीतलयत् सूरग्गउ १८१ सूरोद्गमम् सीमंतिणिय १९५ सीमंतिनी सेय १८४ श्वेत सीसोवरि १७८ शीर्षोपरि सेरंधि १८७ सैरंध्री = दासी सीहंड १८७ श्रीखंड V सेव= सेव् (गु. सेवq), सेवियइ १८७, सु ३० सः सेवियय १३५ सुइ ११८ शुचि 'सेस ११०, ११३ शेष सुय १८ श्रुत | °सोअ ९५ (१) सूचक सुयण° ९५ (सुइण) स्वप्न सोय १०३ शोक सुयरंत १५८ सुयरंतिय १९१ ( सुयर%3D सोरंड १६८ क्रीडाभाजन सर) सरत् सोस शोषय, सोसिजइ १११, सुण =श्रु (गु. सुणा), सुणहु २२, सोसंतिय १२३ सुणतय २२३, सुणवि ८२, सुणि| Vसोह- शोभ् (गु. सोहर्बु), सोहह १६१, २१२, २२०, सुणिय ९९, २१२ ६१, सोहहि १६३, सोहिय २१५ सुथिर ३० सुस्थिर सोह १६१ शोभा °सुद्ध° १७१ शुद्ध सोहालय ५१ [ सोह+आल, मत्वर्थीय] सुंदर १७५ शोभाव्य सुंदरि १०२ सुंदरी सुन्न १९९ शून्य हउ ८०, १३४, हउँ ६५, ११७ अहम् सुन्नार १०८ सुवर्णकार (गु. सोनार) सुमरंत १०३ ( सुमर = स्मर् ) स्मरत् हय ७८ हत (गु. समरर्दू) हंस १२३ सुम्मा ८३ श्रूयते हत्थ ८० हस्त (गु. हाथ) सुर' ५३ हर-ह (गु. हरवू), हरह २१, सुरय° ९४ सुरत हरि ९५ सुरह २३ सुरति "हर २२ (<घर =) गृह सुरत्तय २१६ सुरक्तवृक्ष हरसिय २२३ हृष्ट सुरलोय ७५ सुरलोक हराविअ १९९ हारित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282