Book Title: Sandergaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf

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Page 5
________________ १९८ शिवप्रसाद ९०० से वि. सं. १०३९/ई० सन् ९८२ माना जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि यशोभद्रसूरि' अपने जीवन के अन्तिम समय तक पूर्णरूप से धार्मिक क्रियाकलापों में संलग्न रहे। वि. सं. १११० से वि. सं. ११७२ तक के ४ में अभिलेख, जो संडेरगच्छीय आचार्यों द्वारा प्रतिष्ठापित जिन प्रतिमाओं पर उत्कीर्ण हैं, में प्रतिमाप्रतिष्ठापक आचार्य का कोई उल्लेख नहीं मिलता, इनका विवरण इस प्रकार है(i) वि. सं. ११२३ सुदि ८ सोमवार परिकर पर उत्कीर्ण लेख, इस परिकर में आज पार्श्वनाथ की प्रतिमा प्रतिष्ठित है, परन्तु इस लेख में ज्ञात होता है, कि इसमें पहले महावीर स्वामी की प्रतिमा प्रतिष्ठित रही। स्थान-जैन मन्दिर, बीजोआना (ii) वि. सं. १११० ( तिथिविहीन )२ पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठास्थान-चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनालय, राधनपुर (ii) वि. सं. ११६३ ज्येष्ठ सुदि १० (iv) वि. सं. ११७२ ( तिथिविहीन लेख )५ प्रतिष्ठास्थान-जैनमन्दिर, सेवाड़ी सांडेराव स्थित जिनालय के गूढ़ मंडप में एक आचार्य और उनके शिष्य की प्रतिमास्थापित है। इस पर वि. सं. ११९७ का एक लेख भी उत्कीर्ण जिससे ज्ञात होता है कि यह प्रतिमा संडेरगच्छीय पं० जिनचन्द्र के गुरु देवनाग की है। देवनाग सन्डेरगच्छीय किस आचार्य के शिष्य थे? यह ज्ञात नहीं है। जैसा कि हम पहले देख चुके हैं इस गच्छ में आचार्य यशोभद्रसूरि के सन्तानीय ( शिष्य ) के रूप में सर्वप्रथम शालिसूरि, उनके पश्चात् सुमतिसूरि उनके बाद शांतिसूरि और शांतिसूरि के बाद ईश्वरसूरि क्रमशः पट्टधर होते हैं, ऐसी परम्परा रही है, परन्तु इन परम्परागत नामों के १. यशोभद्रसूरि के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण के लिए द्रष्टव्य-वीरवंशावली (विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह-[संपा० मुनि जिनविजय] में प्रकाशित); ऐतिहासिक रास संग्रह, भाग २; जैन परम्परानो इतिहास, भाग १, (त्रिपुटी महाराज) आदि । २. विजयधर्मसूरि-सम्पा०-प्राचीन लेख संग्रह, लेखाङ्क १ ३. मुनिविशालविजय-सम्पा०-राधनपुर प्रतिमा लेख संग्रह, लेखाङ्क ३ जैनसत्यप्रकाश वर्ष-२, पृ० ५४३, क्रमाङ्क ४१ मनिजिनविजय, संपा. प्राचीन जैन लेख संग्रह, भाग २, लेखाङ्क २२३ ६. मुनिविशालविजय-सांडेराव, पृ० १५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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