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गिरनार-काठियावाड मे जूनागढ़ स्टेशन से ४-५ मील की दूरी पर गिरनार पर्वत की तलहटी है। पहाड पर ७००० सीढ़ियो की चढ़ाई है। यहीं स नेमिनाथ स्वामी तथा ७२ करोड सात सौ मुनि मोक्ष गये है।
शत्रुञ्जय-पालिताना स्टेशन से २ मील पर है । यहाँ न युधिष्ठिर, भीम, मजन तथा ८ करोड मुनि मोक्ष गये है। __ पावागढ-बडौदा से २८ मील की दूरी पर यह क्षेत्र है। यहीं स न्व, कुश आदि पाँच करोड मुनि मोक्ष गये है।
मागीतुंगी-मनमाड स्टेशन से ७० मील पर घन जगल मे पहाड पर यह क्षेत्र है । यहाँ से रामचन्द्र, सुग्रोव, गवय गवाक्ष, नील आदि ६६ करोड मुनि मोक्ष गये है।
गजपन्या-नासिक रोड स्टेशन से ६ मोल नसरुन ग्राम के पास । यहीं से बलभद्र आदि पाठ करोड मुनि मोक्ष गये हैं ।
कुन्थलगिरि-वास टाऊन रेलवे स्टेशन से २१ मीन दूरी पर । यहाँ से देशभूषण, कुलभूषण मुनि मोक्ष गये है।
[ मैसूर प्रान्त] मूडबद्री-कारकल से दस मील पर यह एक अच्छा कस्वा है । यहाँ १८ मन्दिर है । यहाँ के मन्दिरो मे होरा, पत्रा, पुखराज, मूंगा, नीलम को मूर्तिर्या है।
जैनबद्री-(श्रवणबेलगोला ) हसन जिले के अन्तर्गत यह तेत्र है। हसन से मोटर जाती है। प्रवणबेलगोला मे चन्द्रगिरि और विन्ध्यगिरि नाम को दो पहाडिया पास-पास है । पहाड पर ५७ फीट ऊंची बाहुबली की मनोज्ञ प्रतिमा है । २२ वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक होता है ।
घेणर-गोम्मट स्वामी की ६० फोट ऊंची एक प्रतिमा है तथा अन्य हजारो मनोज्ञ मूर्तियाँ यहाँ पर है-मन्दिर दर्शनीय हैं ।
हडवेरी-यहाँ एक मन्दिर पूरा कसौटी पत्थर का बना हुआ है।
कारकल-यहाँ प्राचीन और मनोज्ञ १२ मन्दिर लाखो रुपयो की लागत से बने है। पर्वत पर श्री बाहुबली स्वामो की विशाल मूर्ति कायोत्सर्ग अवस्था मे देखने योग्य है। __ बारंग-यहाँ एक मन्दिर तालाब के मध्य भाग में है। किश्ती मे बैठ कर जाने से दर्शन होते है।