Book Title: Samadhimaran
Author(s): Rajjan Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 201
________________ १८८ समाधिमरण १२९. वही, शिलालेख नं०-४०२, पृ०-२८८. १३०. वही. शिलालेख नं०-४०९, पृ०-२९१. १३१. चटवेगन्ति मत्तवूर बसदि तपसु । - वही, शिलालेख नं०-४१०, पृ०-२९२. १३२. ......यिल्लेकन्तिय (र्) (स) न्यसनंगेय्दु सुर (लोकक्के)। ___ वही, शिलालेख नं०-४१७, पृ० - २९६. १३३. बोप्पय सन्यसनविधियिं...... (स्व) र्गस्त । वही, शिलालेख नं०-४१८, पृ०-२९६. ..३४. श्रीमानसेनदेवर निषिधि .......। वही, शिलालेख नं०-४२१, पृ०-२९९. १३५. वही, शिलालेख नं०-४२३-४२४, पृ०-३००. १३६. वही, शिलालेख नं०-४३१, पृ०-३०१. १३७. गुम्मिसेटियर निस्तिगे.....। वही, शिलालेख नं०-४४२, पृ०-३०८. १३८. बाचण्णमल । वही, शिलालेख नं०-४४३-४४४, पृ०-३०९. १३९. चोकिसेट्टि.......। वही, शिलालेख नं०-४४९, पृ०-३११. १४०. वही, शिलालेख नं०-५२२, पृ०-३४८. १४१. र गुड्डि नादोव्वेय........। वही, शिलालेख नं०-५४०, पृ०-३५७. १४२. वार बोम्मण्ण गलु स्वर्गस्त । वही, शिलालेख नं०-५७८, पृ०-३६८. १४३. जिनचंद्रदेवरु मुडिपि....। वही, शिलालेख नं०-५८०, पृ०-३६९. १४४. वही, शिलालेख नं०-५८९, पृ०-३७१. १४५. वही, शिलालेख नं०-५९०, पृ०-३७२. १४६. वही, शिलालेख नं०-५९१, पृ०-३७२. १४७. वही, शिलालेख नं०-५९९-६०२, पृ०-३७५. १४८. वही, शिलालेख नं०-६०४, पृ०-३७५. १४९. वही, शिलालेख नं०-६०६, पृ०-३७६. १५०. वही, शिलालेख नं०-६०९, पृ०-३७७. १५१. वही, शिलालेख नं०-६१०, पृ०-३७७. १५२. वहीं, शिलालेख नं०-६११-६१२, पृ०-३७७. १५३. वही, शिलालेख नं०-६१४, पृ०-३७८. १५४. हमारी परम्परा-ले०-रामप्रसाद जी० म०, उद्धृत-महावीर मिशन, सम्पादक-सलेकचन्द जैन, फरवरी १९८८, पृ०-५५. १५. वही, पृ०-५. १५६. वही, पृ०-५५. १५७. वही, पृ०-५५. ?' , दिगम्बर-जैन-मित्र, १९५६, आचार्य श्री शान्तिसागर जी विशेषांक, पृ०-१७-१८. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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