Book Title: Samadhimaran
Author(s): Rajjan Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 233
________________ मूलाचार (पूर्वार्द्ध) रत्नकरण्डकश्रावकाचार सद्धर्म मण्डनम् व्यारख्याप्रज्ञप्ति (भाग-३) समाधिमरणोत्साहदीपक समवायाङ्गसूत्र समिति, सर्वाथसिद्धिः सन्दर्भ-ग्रन्थ-सूची २२० आर्यिकारत्न ज्ञानमती जी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, १९८४. पं० पन्नालाल “बसन्त', वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट प्रकाशन, दिल्ली, १९७२. श्री जवाहर जी, तनसुखदास दूगड़, सरदारशहर, राजस्थान, वि० सं० १०८८. सम्पा०-मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति ब्यावर (राजस्थान), १९८६. हीरालाल जैन सिद्धान्तशास्त्री, वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, दिल्ली, १९८४. पं० हीरालाल जी शास्त्री, श्री आगम प्रकाशन ब्यावर (राजस्थान), १९८२. पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५५. मोहनलाल शास्त्री, सरल जैन ग्रन्थ भण्डार जबलपुर, वीर नि० सं० २४४४. भिक्षु धर्मरत्न, महाबोधि सभा, सारनाथ , वाराणसी १९५०. जगदीश काश्यप एवं धर्मरक्षित, महाबोधि सभा, सारनाथ, वाराणसी, १९५४. श्री मिश्रीलाल "मधुकर", श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, राजस्थान, १९८१. पं० बालचन्द्र जी शास्त्री, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर, १९७७. श्री मिश्रीलाल "मधुकर", श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थन), १९८१. ब्रह्मचारी शीतल प्रसाद, जैन मित्र सूरत, १९७८ धर्मामृत (सागार) सुत्तनिपात संयुत्तनिकाय (हिन्दी) स्थानांगसूत्र ज्ञाणानव ज्ञाताधर्मकथाङ्ग श्री समाधिशतक टीका सहायक ग्रन्थ ओघनिर्यक्ति गरूड़पुराण भद्रबाहु स्वामी, आगमोदय समिति, सं० १९२७. पं० श्री राम शर्मा आचार्य, संस्कृति संस्थान, बरेली प्रथम एवं द्वितीय भाग, १९६९. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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