Book Title: Sajjan Tap Praveshika Author(s): Saumyagunashreeji Publisher: Prachya Vidyapith View full book textPage 9
________________ - -●●● सज्जन की हृदय स्फुरणा वर्तमान में जहाँ सांस्कृतिक क्रियाओं का मूल्य घटता जा रहा है वहीं... Dieting, Jogging और Exercise की जरूरत ने बढ़ाई है तपाचार की महत्ता रोगों की विकसित संख्या ने पुनः जागृत की संयम और त्याग की महिमा बढ़ती महंगाई और मिलावट ने वर्धित की बाह्य तपाचार की गरिमा यह सिद्ध करता है कि जैनाचार में समाहित है दूरदर्शिता, त्रैकालिक प्रासंगिकता एवं सर्व ग्राह्यता एतदर्थ विज्ञान एवं धर्म के पारस्परिक सम्बन्धों को सिद्ध करन युवा वर्ग को सांस्कृतिक एवं धार्मिक मार्ग पर प्रवृत्त करने का एक लघु प्रयास.... ••••Page Navigation
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