Book Title: Sachoornik Aagam Suttaani 07 Uttaradhyayan Niryukti Evam Churni Aagam 43
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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मूलाका: १६४०+८८
उत्तराध्ययन मूलसूत्रस्य विषयानुक्रम
दीप-अनुक्रमा: १७३१
पृष्ठांक: २६३ २६४
|
२७३
पृष्ठांक: २८४ ૨૮૭ ૨૮૬ ૨૮ ૨૮૮
०७९४
मूलांक:
अध्ययनं ०६१४ | १९ मृगापुत्रिक ०७१३ | २० महानिर्ग्रन्थियं ०७७३ | २१ समुद्रपालितं
| २२ रथनेमियं ०८४७ | २३ केशीगौतमियं ०९३६ | २४ प्रवचनमाता ०९६३ | २५ यज्ञकियं १००७ २६ सामाचारी १०५९ | २७ खलुंकियं
२७६
मूलांक:
अध्ययनं १०७६ |२८ मोक्षमार्गगति: | १११२ | २९ सम्यक्त्वपराक्रम | ११८९ ३० तपोमार्गगति: | १२२६ | ३१ चरणविधि:
१२४७ | ३२ प्रमादस्थानं | १३५८ ३३ कर्मप्रकृत्ति: | १३८३ | ३४ लेश्या-अध्ययनं | १४४४ | ३५ अणगारमार्गगति: | १४६५ | ३६ जीवाजीव-विभक्तिः
२७७ २७९
२९१
२९१
२९२
२८३
२९३
पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४३] मूलसूत्र-[०३] उत्तराध्ययन-नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि:
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