Book Title: Rashtrabhasha Shabdakosh
Author(s): Sahityaratna
Publisher: Vora and Company Publishers Limited
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१७.
मोर]
[ी लिलोर-पु० स्फटिक पत्थर पु० सुभाट-स्त्री. जनश्रुति स्त्री. अफवाह बिल्लौर
सु-वि. भव्य पु० शानदार मि- बिल्ला पु० चांद, पदवी पूयट-वि० मूर्ख, बेअक्ल मिसात-स्त्री. पूँजी बी० दौलत; भू-स्त्री० समझ स्त्री. अक्ल; कद्र औकात
भूधु-न० गोटा सोटा, (महाम-वि. भयानक पु० डरावना । भूम-स्त्री. चिलाइट स्त्री० अफवाह मिड-10 बूंद स्त्रो० कतरा भू-वि• बुरा पु० खराब मिम-न० छाया स्त्री० परछाई महत-वि० विशाल 'T• बना भी-स्त्री. भय पु० खौफ मेमस-वि० मूर्ख पु० बेअक्ल भी-न० घासवाली जमीन मे-स्त्री. दोकी जोड़ी नी० मी-सरि बन्द करना मेयेन-वि० अस्वस्थ पु० बेचैन भाधेश-वि. भयभीत पु० डरा हुआ | 8-स्त्री० पासन पु० एक कसरत भीभु-10 नमूना; चौकोर सीसेका हमा8-१० अकर्मण्य पु० बेकार "टाईप
मे -वि. कुरूप पु० बदसूरत भीमस-वि० धृणास्पद पु० काबिले मेत-५० युक्ति स्त्री० नरकीब नफरत
मे२७॥२-वि० लापरवाह भीभार-वि० बीपार पुल
मशि-वि. अप्रसन्न पु० नाखुश भी-२०३० भयभीत होना, डरना मेघ33-२५० हिम्मत के साथ, बिना सुभा२-५० ज्वर पुं०
हिचकिचाहट सुसर,अजुभ-वि० वृद्ध पु० बूढ़ा ५२५-१० स्वतंत्र पु० आजाद, भुआ-8080 बुझना
लापरवाह भुईमू-वि० कुण्ठित पु० कमअक्ल मा-वि० खुला पु० अमर्याद सुध्यस-वि० मूर्ख पु. बेअक्ल मेम-वि० लक्ष्यहीन, गाफिल सुध-वि. विवेकी पु० अक्ल मन्द मेमाणु-वि० बावला; ब्याकुल भुति-स्त्री. विवेक पु० अक्ल मेमान-वि० बेसुध पु० सुध-वि० समझदार पु० अक्लमन्द, मेवी-स्त्री. जोडी एक प्रह
मेरा-अ. निस्संकोच अ० अढवत्ता सुमारा-10 पुकार प०
मेसी-वि.पु. सहायक पु० मददगार
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