Book Title: Rashtrabhasha Shabdakosh
Author(s): Sahityaratna
Publisher: Vora and Company Publishers Limited
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१८७
दरी
१२९]
[१६ १२९-स्त्री० रुचि स्त्री. पपन्दगीस -24080 बसना अ० कि० रहना परत-स०१० पहिचानना अ० कि. सियत-स्त्री० उत्तराधिकार पु० वसी. जानना
यत २२ता।-५० भविष्य का हाल
। सानो-पु. बड़ों की मदद या पह वहान-10 वरदान पु.
चान का लाभ २२६-श्री. सूचना स्त्री० खबर सु-न०० धन पु० दौलत १२-२०४० वरण करना सक्रि० । वस्तु-स्त्री. जिन्स स्त्री० चीज पसन्द करना
वस्त्र-न. कपडा पु. २२१५-श्री. आतुरता स्त्री० उतावल ७२-स्त्री० सहायता स्त्री० मदद १२४१-श्री. भाप स्त्री०
पहीट-पु. बंदोबस्त, व्यवस्था परिष्ट-वि• सर्वश्रेष्ठ पु०
पहुंभ- सन्देह पु. वहम १-० न्यात भोज पु० दावते विरा- १९२-९ फटन पु० चीरा
पवार-पु. व्यवहार पु. लेनदेन; पए-पु० रंग पु०; प्रकार
वडा३-१० चालू पु०मौजूदा व धु-स०० वर्णन करना स०कि. पहार-स.७ि० खरीदना; उधार लेना बयान करना
- बैट पु० श्रांटा पत-स्त्री. रीतभात स्त्री० q -१• सम्बन्ध, रिश्ता पत मान-वि० श्रमी का, हाल का
Amम-24013. मेटना तु--० गोलाकार पु०
१५-०४० मेजना पक्षण-न० वृत्ति स्त्री०
4जियो-धु० वात-चक्र पु• बगुला पसोपात-पु. कल्पान्त पु०
4-08. हाथ से निकलना अ० १६३१-० वृक्ष की छाल या असका
क्रि० चला जाना; भ्रष्ट होना वस्त्र बी०
वन-10 नमस्कार पु० सलाम १६सम-वि० प्रिय पु० प्यारा; पति भातरम-२०५० मातृभूमि को १-वि० अधीन पु० ताबे में
प्रणाम है श० प्र० वसति--त्री निवास पु० रहना '- कुल पुल
सम-वि. कठिन पु• मुश्किल 4,पाया-स्त्री० वाणी स्त्री० बोल क्सक्सी-पु. सन्देह पु. बहम
पा-वि० जानकार मुं० वाकिफ
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