Book Title: Rashtrabhasha Shabdakosh
Author(s): Sahityaratna
Publisher: Vora and Company Publishers Limited
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[ સત્કાર शामा-स्त्री० सौदर्य पु०; प्रतिष्ठा स्त्री० सम-२० फबेच्छु पु० नतीना वाहने शार- ध्वनि स्त्री तेज अवाज
__ वाला शोष-पु. प्यास
सस-कि० कठोर पु० शख्त शोय-१० स्वच्छता स्त्री० सफाई सभावत-स्त्री० दान पु० शोष-न शूरता स्त्री० बहादुरी
समय-स्त्री० अनुकूलता बी० मुा. श्याम-वि० कृष्ण पु. काला
फक श्रा-स्त्री. विश्वास पु. यकीन
समीर-वि० अल्पायु पु० कम उम्र श्रम- परिश्रम पु. मेहनत सवणु-वि० समस्त पु० तमाम श्रण-1• सुनना
सचिव-पुं० प्रधान मंत्री पु० वजीरे श्रांत-वि. विश्रान्त पु. थका हुप्रा
खास श्री-श्री लक्ष्मी स्त्री०
सयो-वि० अचूक पु. श्रीमान-वि० धनवान पु० दौलतमन्द Hars-वि० दृढ़ पु० मजबूत श्रुति-स्त्री. सुनी हुई पात स्त्री०; वेद | सपनी-स्त्री. मुखी स्त्री० सहेली श्रीगु-खी. कोटि स्त्री० दर्जा सर-स०. श्रृंगार करना स०कि० श्रेय-10 कल्याण पु०
सज-श्री० दण्ड पु० सजा श्रेष्ठ-वि० सर्वोत्तम पु०
-वि० जीवित वि० जिन्दा श्रोता-पु. सुननेवाला पु०
सन-पु. शिष्ट पुरुष पु. शरीफ श्वान-पु. कुत्ता पु.
आदमी श्वेत-वि. शुम्र पु० सफेद
सर-स. शीघ्र अ० एकदम स८२५४२-वि. अव्यवस्थित पु० बे
बन्दोबस्त १४-वि० छै वि.
सडे-पुं० बिगाड़ पु० बर्बादी पड्य-10 जाल
सत-वि० सच्च। पु० न० सत्य घोडश-वि. सोलह वि०
सतत-वि. निरन्तर पु. लगातार (स)
सती-स्त्री० पतिव्रता स्त्री० पाकदामन सभा-वि. भाग्यशाली पु० नशीबदार सतु-वि० सच्वा पु० सण-वि. समस्त पु० तमाम सम-न० सुकर्म पु. सन-पु. पेंच पु० शिकंजा सर-पुस्वागत पु.
२३.२४
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