________________
२६ प्रेक्षाध्यान
• किण्हा नीला काओ लेस्साओ तिण्णि अप्पसत्थाओ। पइसइ विरायकरणो सवेगमणुत्तर पत्तो।।
भगवती आराधना १६०५ कृष्ण, नील और कापोत—ये तीन अप्रशस्त लेश्याए है। इनका त्याग
कर मनुष्य अनुत्तर सवेग को प्राप्त होता है। शुभ लेश्या का परिणाम • तेऊ पम्हा सुक्का तिन्नि वि एयाओ धम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो सुग्गइ उववजई बहुसो।।
उत्तरायणाणि ३४।५७ तैजस, पद्म और शुक्ल ये तीनो धर्म-लेश्याएं है। इन तीनो से जीव प्राय सुगति को प्राप्त होता है। • तेओ पम्मा सुक्का लेस्साओ तिण्णि विदु पसत्थाओ। पडिवज्जेइय कमसो सवेगमणुत्तर पत्तो।।
भगवती आराधना १६०६ तैजस, पद्म शुक्ल -ये तीन प्रशस्त लेश्याए है। इन्हे क्रमश प्राप्त कर मनुष्य अनुत्तर सवेग को प्राप्त होता है।